दुमका, (हि.स.) । सदर प्रखंड के सरवा पंचायत के अन्तर्गत हिजला गांव के ग्रामीणों ने दुमका शहर के मास्टर प्लान को लेकर ग्राम प्रधान सुनिलाल हांसदा के अध्यक्षता में रविवार को ग्राम सभा का आयोजन किया । ग्राम सभा का आयोजन शहरीकरण के तहत शहर के आस-पास के गांव को शहर में शामिल करने के विरोध में आहूत हुई। ग्राम सभा में ग्रामीणों ने कहा कि पंचायती राज महात्मा गाँधी का सपना है। अगर गांवों को नगरपालिका में मिलाया जाता है, तो यह महात्मा गाँधी के सपनों और विश्वास को तोड़ना है, जिससे विकास रुक जायेगी। ग्राम सभा में ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि हिजला गांव दुमका नगरपालिका में किसी भी हालत में नहीं मिलेगा। अगर गांवों को नगरपालिका से जोड़ा गया तो पंचायती राज खत्म हो जायेगी, जिससे आदिवासियों का स्वशासन व्यवस्था मांझी परगना व्यवस्थ समाप्त हो जायेगी। प्रधानी व्यवस्था ख़त्म हो जायेगी। इसलिए इसका पुरजोर विरोध किया जायेगा।
ग्रामीणों ने यह भी दुःख व्यक्त किया कि जहाँ एक ओर सरकार ग्राम उदय से भारत उदय और सबका साथ सबका का विकास की बात करती है, वही दूसरे ओर बिना ग्राम सभा के अनुमति के सरकार विकास के नाम हम गांवों को शहर में जोड़ रही है। इससे गरीब ग्रामीणों में कर का बोझ और बढ़ेगा और किसान कर्ज के बोझ से बेघर और आत्महत्या के लिए मजबूर हो जायेंगे। ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि ग्राम सभा के निर्णय से डीसी, दुमका को अवगत कराया जायेगा। साथ ही डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री, राज्यपाल, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा जायेगा। मौके पर दिलीप सोरेन,बिसम मरांडी, झारखण्ड मरांडी, अजित हांसदा, मनोज हेम्ब्रोम, विनय हांसदा, भुवनेश्वर हांसदा, सनत हांसदा, सुजाता सोरेन, सनत हेम्ब्रोम, पुतुल हांसदा, चुड्की सोरेन, फिलोमिना हांसदा,पानमुनी किस्कू, मिनोति मुर्मू, अंजू हांसदा, बाहामुनी हांसदा, सुनीता मुर्मू, टेरेसा हेम्ब्रोम, अरविन्द टुडू, जोनातोस हांसदा, सेकेन हांसदा, विलास हेम्ब्रोम, बुदीलाल मरांडी और सोम हांसदा आदि ग्रामीण उपस्थित थे।