छपरा
पौधा रोपने से अधिक कट गए पेड़, सड़कों का चौड़ीकरण बना बहाना
By Deshwani | Publish Date: 21/1/2018 4:34:04 PMछपरा (हि.स.)। पांच वर्ष में जितने पौधे लगाए गए, उससे अधिक पेड़ काट दिए गए । सड़कों के चौड़ीकरण व विकास योजनाओं के कार्यान्वयन के दौरान पांच वर्ष में पेड़ की अंधाधुंध कटाई की गयी । सबसे अधिक सड़क किनारे लगे पेड़ों को काटा गया। हालांकि इस अवधि में किसानों को पौधारोपणन के लिए प्रोत्साहित किया गया और उनके खेतों में पौधारोपन किया गया । मनरेगा, कृषि वानिकी तथा अन्य योजना के तहत पौधा लगाया गया है।
छपरा- हाजीपुर एनएच को फोर लेन बनाने के लिए 60 किलोमीटर पेड़ काट दिए गए । इसी तरह छपरा-रेवा-मुजफ्फरपुर एनएच-102 को टू लेन बनाने के लिए 75 किलोमीटर, छपरा-सीवान एन एच 85 को टू लेन बनाने के लिए 60 किलो मीटर, शीतलपुर-दरियापुर- भेल्दी-अमनौर-मशरक-गोपालगंज एसएच 73 की चौड़ीकरण के लिए 60 किलोमीटर, छपरा-सतरघाट पथ के चौड़ीकरण के लिए 70 किलोमीटर, छपरा-बनियापुर-महम्मदपुर एनएच 101 के चौड़ीकरण के लिए 60 किलोमीटर पेड़ काट दिए गए हैं।
प्रत्येक वर्ष 30-35 हजार पौधे जिले में लगाया गया । पांच वर्षों के आकड़े बताते हैं कि कैम्पा योजना के तहत सबसे अधिक पौधे लगाए गए । इसके मुख्यमंत्री छात्र पौधारोपण प्रोत्साहन योजना, मनरेगा, कृषि वानिकी तथा हरियाली योजना के तहत पौधारोपण हुआ है । मुख्यमंत्री छात्र पौधारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत विद्यालय में छात्रों ने पौधारोपण किया है और कृषि वानिकी योजना के तहत किसानों के द्वारा निजी भूमि पर फलदार पौधे लगाए गए । हरियाली योजना के तहत सरकारी परिसरों में पौधारोपण कराया गया है । इसके अलावा मनरेगा के तहत ग्रामीण इलाकों के तटबंधों, नहर किनारे, सड़क किनारे पौधारोपण किया गया है ।
सारण जिले में वन क्षेत्र का औसत अनुपात काफी कम है । वर्तमान समय में सारण में वन क्षेत्र का औसत राज्य भर में काफी कम है। राज्य में वन क्षेत्र का औसत 15 प्रतिशत है। जिले में वन क्षेत्र का औसत महज तीन प्रतिशत है । गंगा, सरयू, सोन तथा गंडक नदियों से घिरे इस जिले में मैदानी इलाका व दियारा क्षेत्र अधिक है । रेलवे लाइनों व सड़कों का जाल अन्य जिलों की तुलना में अधिक है ।
जिले में इस वर्ष बारिश के दौरान करीब 44 हजार पौधे वन विभाग की ओर से लगाये गये । इस वर्ष में 28 हजार और पौधे लगाए जाने की योजना को स्वीकृति दे दी गई है । दिघवारा वन क्षेत्र में दिघवारा से झौंवा तक आठ किलोमीटर फोर लेन के किनारे आठ हजार पौधारोपण कराया जाएगा और छपरा वन क्षेत्र में बनवार से सबदरा तक दस किलोमीटर तक दस हजार पौधे और पटेरही से तेजपुरवा के बीच दस किलोमीटर तक दस हजार पौधे लगाए जाने की योजना है ।
सारण वन प्रमंडल लक्ष्येन्द्र पंडित ने कहा कि सारण में कोई अधिसूचित वन क्षेत्र नहीं है । प्रत्येक वर्ष यहां 30 से 35 हजार पौधे लगाए गए हैं और सड़कों की चौड़ीकरण के क्रम में जो पौधे काटे गए हैं, उसकी भरपाई के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाये गए हैं।