बिहार
छपरा में नीलामी नहीं होने से कबाड़ बन रहे करोड़ों के वाहन
By Deshwani | Publish Date: 14/7/2017 6:19:40 PMछपरा, (हि.स.)। यहां के अधिकांश विभागों में सैकड़ों वाहन कबाड़ के रूप में पड़े हैं। इनकी न तो नीलामी की जा रही है और न ही मरम्मती कराकर इन्हें उपयोग में लाया जा रहा है। इस कारण करोड़ों रुपये के सरकारी वाहन कबाड़ घरों की शोभा बढ़ा रहे हैं। इसका एक वाकया प्रमंडलीय मुख्यालय के अधिकांश विभागों में देखने को मिल रहा है। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस महकमे में कबाड़ में तब्दील होने वालों की संख्या सर्वाधिक है। जिले के थानों में जब्त किए गए लावारिस वाहन बस वहां की शोभा बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
समाहरणालय, नगर निगम, सदर अस्पताल, समेत सभी विभागों के कार्यालयों के बाहर , परिसर में तथा गैरेज में वर्षों से खड़े वाहनों की स्थिति कबाड़ घर की वस्तु जैसी हो गई है। वहीं, कुछ विभागों में वाहन उपयोग लायक तो है, लेकिन आउट सोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से वाहन उपलब्ध कराने का प्रावधान किए जाने के बाद पुराने वाहनों को उपयोग में नहीं लाया जा सकता है। इस वजह से करोड़ों रुपये के सरकारी वाहन आज जंग खा रहे हैं।
क्या है प्रावधान
सरकार की ओर से अधिकारियों के उपयोग तथा विभागीय कार्य के लिए उपलब्ध कराए गए वाहनों को अधिकतम 15 वर्ष तक चलाए जाने का प्रावधान है लेकिन यहां 30- 40 वर्ष पहले उपलब्ध कराए गए वाहनों को भी रखा गया है जिसका कोई उपयोग नहीं किया जा रहा है और न ही इन्हें नीलाम किया जा रहा है । सरकारी प्रावधानों के तहत 15 वर्ष पुराने वाहनों को मोटर यान निरीक्षक से मूल्यांकन कराकर नीलाम करने का प्रावधान है और नीलामी में मिली राशि को सरकारी खजाने में जमा कराया जाना है । पुराने वाहनों की नीलामी नहीं होने के कारण दिन प्रति दिन उसकी कीमत कम हो रही है और सरकारी राजस्व को भी क्षति पहुंच रही है।