छपरा, (हि.स.)। संपूर्ण क्रांति के प्रणेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण के गांव सिताब दियारा के वासी देश के हर आंदोलन में जेपी के साथ मिलकर जीत हासिल की । चाहे वह आजादी के बाद संपूर्ण क्रांति आंदोलन हो, या फिर सिताब दियारा में जेपी के क्रांति मैदान में आयोजित जाति प्रथा मिटाओ, जनेऊ तोड़ो आंदोलन। आपसी एकता के धागे में बधे इस गांव के विगत कुछ वर्ष पहले तक माहौल काफी बेहतर था । गांव के लोग बताते हैं कि बुर्जगों के जमाने में तो इस गांव में ताड़ी बेचने पर भी मनाही थी, किंतु उसी जेपी के गांव में आज शराब की नदी बहने लगी है । एक महापुरूष के गांव को नर्क में तब्दील किया, इसी सीमावर्ती क्षेत्र के कुछ शराब माफियाओं ने । विगत एक माह से गलत तरीके से स्थापित सिताब दियारा जेपी के क्रांति मैदान के सीध में शराब की एक दुकान को लेकर संपूर्ण इलाका विगत एक माह से गुस्से से खौल रहा है, किंतु यूपी आबकारी की उस दुकान को जेपी के गांव से हटाने के बजाय, यहां किसी बड़े तूफान के आने के इंतजार में है।
कुछ शराब माफियाओं की नजर इस गांव की शांति पर पड़ी और वह विभाग से मिलकर किसी अन्य जगह की एक शराब की दुकान को लेकर जेपी की धरती पर पहुंच गए । ऐसा नहीं कि लोगों ने इसकी सूचना यूपी आबकारी अधिकारी को नहीं दी। इसके बावजूद, यूपी आबकारी, एक माह से चुप्पी साधे बैठा है । गांव के लोगों का तर्क है कि यह दुकान गलत मंशा से बिहार को टारगेट कर गलत चौहदी से यहां स्थापित की गई है । लोग बताते हैं कि इस एक माह के अंदर एक दुकान को तीसरे स्थान पर स्थापित कर दिया गया है। इसी मार्ग से सिताबदियारा की तमाम छात्राएं जीजीआईसी जयप्रकाशनगर में हर दिन पढ़ने जाती हैं । इसके अलावा सुबह-शाम तमाम महिलाएं भी इसी मार्ग पर टहला करती हैं ।
जेपी के गांव वाले चलाएंगे सम्मान क्षति का मुकदमा
सिताब दियारा की सीमा से सट कर बिहार को टारगेट कर यूपी के कुछ लोगों के द्धारा खोली गई इस दुकान को चलाने वालों पर यूपी-बिहार दोनों सीमा के लोग एक हस्ताक्षर अभियान चलाकर संबंधित लोगों पर जेपी के गांव की सम्मान क्षति का मुकदमा चलाएंगे । गांव के लोगों का तर्क है कि मोदी सरकार ने इसी क्षेत्र के बिहार सीमा के लाला टोला में न सिर्फ राष्ट्रीय जेपी स्मारक की घोषणा की है बल्कि, राष्ट्रीय स्तर पर शोध-अध्ययन एवं राष्ट्रीय ध्वज निर्माण केंद्र भी खोलने की तैयारी है । वहीं पलट जयप्रकाशनगर, जहां जेपी का पैतृक निवास है और वह स्थल पूर्व प्रधनमंत्री चंद्रशेखर का तीर्थ भी कहा जाता है | उसी स्थान पर आने वाली सड़क पर यह दुकान स्थापित कर दी गई है। संबंधित लोगों ने राष्ट्रीय फलक पर जेपी के नाम को बदनाम करने की कोशिश की है।