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29 उत्पादों, 53 सेवाओं पर जीएसटी दरें परिवर्तित, पेट्रोलियम- रियल इस्टेट का जिक्र नहीं, फाइलिंग का सरलीकरण मुद्दा
By Deshwani | Publish Date: 18/1/2018 8:48:04 PM
29 उत्पादों, 53 सेवाओं पर जीएसटी दरें परिवर्तित, पेट्रोलियम- रियल इस्टेट का जिक्र नहीं, फाइलिंग का सरलीकरण मुद्दा

 नई दिल्ली, (हिस)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर नई दिल्ली में गुरूवार को हुई जीएसटी काउंसिल की 25वीं बैठक में कई अहम बदलाव देखने को मिले। 29 उत्पादों पर जीएसटी दरों में परिवर्तन करने की काउंसिल ने अनुमति दे दी। वहीं 53 सेवाओं पर जीएसटी दरों में परिवर्तन करने का फैसला लिया गया। वहीं अनुमान के विपरीत पेट्रोलियम उत्पादों और रियल इस्टेट पर जीएसटी के दायरे में लाने के बारे में इस बार चर्चा नहीं हुई। जीएसटी फाइलिंग की प्रक्रिया को सरलीकरण करने का मुद्दा इस बैठक में प्रमुख रहा। 

जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद काउंसिल के अध्यक्ष और केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बताया कि इस बैठक में जीएसटी फाइलिंग की प्रक्रिया का सरलीकरण मुख्य मुुद्दा रहा। इस बार काउंसिल ने 3-बी रिटर्न फाइलिंग को फिलहाल जारी रखने का फैसला किया है। साथ ही विक्रेता- सप्लायर अपनी इनवॉइस अपलोड करेंगे। फिलहाल सरकार इनवॉइस एवं 3-बी फाइलिंग प्रक्रिया को जारी रखेगी, बाद में इसे और सरल किया जाएगा। संभव है कि केवल उत्पाद निर्माण के वक्त ही फाइलिंग हो, जिससे सीधे तौर पर टैक्स की गणना की जा सके। यदि ऐसा होता है, तो जीएसटी निर्धारण की बाद की प्रक्रियाओं को हटाने पर विचार किया जाएगा। 
 
इस बार जीएसटी काउंसिल ने 29 उत्पादों पर जीएसटी दरों को परिवर्तित करने का फैसला किया है। जिसके तहत् इन उत्पादों को जीएसटी की मौजूदा श्रेणी से हटाकर दूसरी श्रेणी में लाया जाएगा। जीएसटी में 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी जीएसटी दर की श्रेणियां हैं। इसी तरह 53 सेवाओं को लेकर भी जीएसटी काउंसिल ने फैसला किया है। इन सेवाओं पर जीएसटी दरों में बदलाव करने की काउंसिल ने अनुमति दे दी है। 
 
जेटली ने बताया कि अंतरराज्यीय ई-वे बिल 1 फरवरी से लागू हो जाएंगे। इसके साथ ही कई राज्यों ने भी कहा है कि वे 1 फरवरी से अपने राज्य में ई-वे बिल अनिवार्य कर देंगे। जिससे उत्पाद परिवहन पर नजर रखी जाएगी, और जीएसटी आकलन में मदद मिलेगी। साथ ही जीएसटी चोरी रोकने के प्रावधानों को लेकर काम शुरू किया गया। 
 
केंद्रीय वित्त मंत्री ने बताया कि हैंडीक्रॉफ्ट उत्पादों को लेकर जीएसटी काउंसिल ने 40 उत्पादों को फिटमेंट कमेटी को भेजा है, जो ये निर्धारित करेगी कि इन उत्पादों को हैंडीक्रॉफ्ट की श्रेणी में रखा जाए या नहीं। इसी तरह और भी उत्पाद फिटमेंट कमेटी को भेजे जाएंगे। 
 
कम्पोजिशन स्कीम पर बोलते हुए जेटली ने बताया कि इसके तहत् 17 लाख डीलर्स रजिस्टर्ड हुए थे, लेकिन उनसे मिलने वाला राजस्व संग्रहण उत्साहित करने वाला नहीं रहा। इसकी समीक्षा की जाएगी। 
 
इस बार बैठक में बिहार के वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में बने जीएसटी मंत्री समूह ने अपना प्रजेंन्टेशन दिया। इसी तरह नंदन नीलकेणी ने इंफोसिस की ओर से सूचना प्रौद्योगिकी को लेकर प्रजेंन्टेशन दिया। 
 
वित्त मंत्री ने बताया कि अगली जीएसटी काउंसिल बैठक वीडियो क्रॉन्फेंसिंग के जरिए होगी। बैठक किस दिन होगी, फिलहाल ये तय नहीं किया गया है। 
 
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 1 जुलाई, 2017 को पूरे देश में जीएसटी लागू करके 'एक राष्ट्र, एक कर' की संकल्पना को मूर्त रूप दिया था। जीएसटी को लेकर नियम बनाने के लिए जीएसटी काउंसिल का गठन किया गया। इस काउंसिल में सभी राज्यों के वित्त मंत्री सदस्य होते हैं| केंद्रीय वित्त मंत्री इसके पदेन अध्यक्ष होते हैं। 
 
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