नई दिल्ली, (हि.स.)। महंगाई को लेकर एक बार फिर जनता को बड़ा झटका लगा है। दिसम्बर माह के लिए खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.21 फीसदी के स्तर पर आ गई, जो एक माह पहले यानि नवम्बर, 2017 में 4.88 फीसदी थी। वहीं खाद्य महंगाई दर ने भी आम रसोई के बजट को बिगाड़ा और 4.96 फीसदी हो गई। खाद्य महंगाई दर पिछले महीने 4.42 फीसदी थी। वहीं औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े (आईआईपी) सरकार के लिए कुछ राहत लेकर आए। नवम्बर माह में औद्योगिक उत्पादन में 8 फीसदी से ज्यादा की वृध्दि देखी गई, जो अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छा संकेत है।
शुक्रवार को केंद्र सरकार के केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यलय (सीएसओ) ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के दिसम्बर,2017 के आंकड़े जारी किए। जिसमें खुदरा महंगाई दर और खाद्य महंगाई दर के आंकड़े भी दिए गए। इन आंकड़ों के मुताबिक खुदरा महंगाई दर 5.21 फीसदी पाई गई, जो एक साल पहले दिसम्बर, 2016 में 3.41 फीसदी थी। इसी तरह खाद्य महंगाई दर में भी बढ़ोतरी देखी गई। खाद्य महंगाई दर दिसम्बर, 2016 में 1.37 फीसदी थी, जो एक साल में यानि दिसम्बर,2017 में बढ़कर 4.96 हो गई।
महीने दर महीने आधार पर दिसम्बर में दालों की महंगाई दर -23.53 फीसदी के मुकाबले -23.47 फीसदी रही है। दिसम्बर में सब्जियों की महंगाई दर 22.48 फीसदी से बढ़कर 29.13 फीसदी पर रही है। फ्यूल, बिजली की महंगाई दर में 7.9 फीसदी पर बरकरार रही है। वहीं कपड़ों और जूतों की महंगाई दर 4.96 फीसदी से घटकर 4.8 फीसदी रही है।
जीएसटी सहित सरकार के कई कड़े वित्तीय फैसलों की आलोचना करने वालों के लिए नवम्बर माह के आईआईपी आंकड़े चौकाने वाले रहे। औद्योगिक उत्पादन करीब 25 महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। नवम्बर के महीने में औद्योगिक उत्पादन दर 8.4 फीसदी दर्ज की गयी, जबकि अक्टूबर के महीने मे ये 2.2 फीसदी पर थी। विनिर्माण क्षेत्र में विकास दर दोहरे अंक में रही। नवम्बर में ये दर 10.2 फीसदी रही जबकि अक्टूबर में ये दर 2.2 फीसदी थी।