बिज़नेस
राजस्व घाटा बढ़ने से विदेशी निवेशकों ने निकाले 7300 करोड़
By Deshwani | Publish Date: 25/12/2017 4:26:28 PMमुंबई, (हि.स.) । राजस्व घाटा बढ़ने की रिपोर्ट जारी होने के बाद विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से दूर होने लगे हैं। अक्टूबर 2017 तक देश का राजस्व घाटा इस वित्तवर्ष के अनुमानित लक्ष्य के 96.1 फीसदी तक पहुंच गया था। इसके कारण दिसम्बर में विदेशी निवेशकों (एफपीआई) द्वारा लगातार बिकवाली पर जोर दिया जा रहा है। दिसम्बर में अब तक एफपीआई ने मार्केट से 7300 करोड़ रुपये का निवेश निकाल लिया है। यह आंकड़ा एक से 22 दिसम्बर तक का है। हालांकि नवम्बर में विदेशी निवेश बढ़ा था, लेकिन दिसम्बर में गिरावट देखी गई। फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स के लिहाज से नवम्बर शेयर बाजार के लिए अच्छी खबर लेकर आया था। बैंक रिकैपिटलाइजेशन प्लान को मंजूरी मिलने के बाद से शेयर बाजार में एफपीआई सेक्टर ने जमकर खरीदारी की थी। नवम्बर में एफपीआई की ओर से कुल 19728 करोड़ का निवेश किया गया था। इससे पहले मार्च 2017 में शेयर मार्केट में एफपीआई ने 30,906 करोड़ का निवेश किया था। सूत्रों के अनुसार, राजस्व घाटा बढ़ने और जीडीपी ग्रोथ को लेकर फैले अटकलों के कारण निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं। इसी बीच, पिछले कुछ महीनों से इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। 22 दिसम्बर को कच्चे तेल का दाम 3743 रुपये प्रति बैरल रहा।16 अगस्त 2017 को कच्चे तेल की कीमत 50.20 डॉलर प्रति बैरल थी, जबकि 22 दिसम्बर 2017 को यह दर 65.13 डॉलर प्रति बैरल रही। चार महीने में ही कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 15 डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज हुई।