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तीन साल के उच्च स्तर पर पहुंची बैंकों की उधारी की वृद्धि
By Deshwani | Publish Date: 8/12/2017 4:46:58 PM
तीन साल के उच्च स्तर पर पहुंची बैंकों की उधारी की वृद्धि

मुम्बई, (हि.स.) । बैंकिंग उद्योग इस समय थोड़ा खुश नजर आ रहा है। कारण यह है कि बैंकिंग उद्योग की उधारी की वृद्धि दर तीन साल के उच्च स्तर पर नवंबर में पहुंच गई है। माना जा रहा है कि उधारी की मांग बढ़ने से मांग में सुधार की उम्मीद है। हालांकि 6 दिसम्बर को रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति में कोई परिवर्तन नहीं किया है। 

आरबीआई के आंकड़े बताते हैं कि 24 नवम्बर को समाप्त पखवाड़े में बैंकिंग उद्योग में सभी तरह के कर्ज (किसान, व्यवसाय, व्यक्तिगत) आदि में सालाना आधार पर 9.64 फीसदी की वृद्धि हुई है। यह 79.62 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। पिछले साल इसी अवधि में यह वृद्धि दर 6.6 फीसदी पर रही। साल 2015 में यह 9.3 फीसदी पर रही है। हालांकि इस समय बैंकिंग उद्योग में कर्ज पर ब्याज दरें काफी निचले स्तर पर हैं, जो आवास कर्ज के रूप में 8.30 फीसदी पर पहुंच गई हैं। इससे अनुमान है कि वित्तीय वर्ष 2017-18 की दूसरी छमाही में कर्ज की मांग बढ़ सकती है।

आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक गैर खाद्य बैंक क्रेडिट दो अंकों में बढ़ी है और 15 महीनों में पहली बार सालाना आधार पर 10 फीसदी की वृद्धि दर हासिल की है। हालांकि आने वाले समय में इन आंकड़ों में और सुधार आने की उम्मीद है। अब से दो साल पहले तक बैंक के लोन पोर्टफोलियो की वृद्धि दर मुख्य रूप से रिटेल लोन के कारण हो रही थी, लेकिन अक्टूबर से इसमें बड़े कॉर्पोरेट में भी वृद्धि का रुझान दिख रहा है।

बैंकरों का मानना है कि कर्ज का प्रवाह अब धीरे-धीरे बढ़ रहा है। कॉर्पोरेट से तथा छोटे व्यवसायों से मांग आनी शुरू हो चुकी है। साथ ही बैंकों की गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) में भी कमी आ रही है। इससे बैंकिंग उद्योग में अब थोड़े सुधार दिख रहे हैं। हालिया आंकड़े बताते हैं कि बैंक की उधारी और एडजस्टेड बैंक क्रेडिट तथा कुल वित्तीय रिसोर्सेस के प्रवाह का संकेत यह है कि क्रेडिट उधारी में सकारात्मक स्थिति है। बैंकरों का कहना है कि जब भी अर्थव्यवस्था में तेजी आती है, क्रेडिट के लिए मांग ऊपर जानी चाहिए। 

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