मुंबई, (हि.स.)। देश के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि चालू वित्तीय वर्ष के पहले सात महीनों में कंपनियों ने प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिए 49,175 करोड़ रुपये की राशि जुटाई है। दिलचस्प यह है कि यह राशि साल 2012 से 2015 के दौरान जुटाई गई तीन सालों से भी ज्यादा है।
एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2010 से 2017 के दौरान भारत में जिन सेक्टरों की कंपनियों ने ज्यादा राशि जुटाई है उसमें ऊर्जा, बीमा, खनन, मिनरल और मेटल्स, वित्त तथा कंस्ट्रक्शन का समावेश है। बीमा सेक्टर की कंपनियां इसी वित्तीय वर्ष से बाजार में सूचीबद्ध शुरू होना हुई हैं और चार कंपनियों ने ही 31,320 करोड़ रुपये बाजार से जुटाए हैं।
जिस तरह से कंपनियों के आईपीओ को अभिदान मिला है और पैसा जुटाया गया है, उसका कारण बाजार की एक तो मजबूती और दूसरे निवेशकों की इक्विटी जैसे असेट क्लास में दिलचस्पी लेना है। रिपोर्ट के मुताबिक रिटेल निवेशकों ने बाजार में अच्छी दिलचस्पी दिखाई है और साथ ही रणनीतिक निवेशकों जैसे सावरेन वेल्थ फंड्स ने भी बाजार में अच्छा पैसा लगाया है। सेकेंडरी बाजार की बढ़त से कंपनियों को उत्साह मिला है और इस कारण अब भी आईपीओ में कंपनियां दिलचस्पी दिखा रही हैं।
एसबीआई के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्याकांति घोष के मुताबिक जिन सेक्टरों की कंपनियां आईपीओ लेकर आई हैं, वे सेक्टर जीडीपी में अच्छी बढ़त दिखा रहे हैं। जबकि खाद्य प्रसंस्करण और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों ने जो आईपीओ लाया है, उसका सीधा संबंध बैंक की क्रेडिट ग्रोथ से है। साल 2015 आईपीओ के लिए काफी धीमापन रहा है लेकिन उसके बाद के साल में अच्छा रुझान कंपनियों ने दिखाया है। उनके अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में कुल 112 कंपनियां बाजार में आई हैं। वित्तीय वर्ष 2010 में 46,121 करोड़ रुपये जुटाया जबकि 2011 में 49,384 करोड़ रुपये जुटाया है। चालू वित्तीय वर्ष में यह राशि 49,175 करोड़ रुपये रही है जबकि अभी 7 महीने ही हुए हैं। 2010 से 2017 के अक्टूबर तक ज्यादा राशि उर्जा सेक्टर से जुटाई गई है जो 43,921 करोड़ रुपये रही है। इस दौरान उर्जा क्षेत्र की 14 कंपनियां सूचीबद्ध हुई हैं, जबकि वित्त और कंस्ट्रक्शन की 50-50 कंपनियां सूचीबद्ध हुई हैं लेकिन राशि जुटाने में बीमा क्षेत्र की कंपनियां आगे रही हैं जो महज चार कंपनी ही 31,320 करोड़ रुपये जुटाई हैं।