मुंबई, (हि.स.) । चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.5 फीसदी के करीबन रह सकती है। हालांकि सरकार के सांख्यिकी विभाग का प्रोविजनल आंकड़ा 7.1 फीसदी का है, जिसमें अंतिम आंकड़ा आने पर सुधार किया जाएगा। यह जानकारी भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी रिपोर्ट में दी है।
एसबीआई के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्याकांति घोष ने बुधवार को बताया कि पहली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 5.7 फीसदी थी, लेकिन दूसरी तिमाही में यह 6.3 से 6.4 फीसदी के करीब रह सकती है। स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध 2795 कंपनियों ने हाल में जो अपने तिमाही परिणाम घोषित किए हैं, उनमें थोड़ा बहुत सुधार देखा गया है। साथ ही जीएसटी, नोटबंदी जैसे सुधार अब पटरी पर आ रहे हैं, इसलिए जीडीपी में वृद्धि दिख सकती है।
उनके मुताबिक एयर ट्रांसपोर्ट सेवा सेक्टर ने इस दौरान बेहतर प्रदर्शन किया है। इसका टॉप लाइन 28 फीसदी की दर से जबकि बॉटम लाइन 231 फीसदी की दर से बढ़ा है। इसके अलावा नॉन फेरो मेटल्स, खनन, ऑटोमोबाइल्स, एग्रो केमिकल्स जैसे सेक्टरों ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है।
उन्होंने कहा कि उपरोक्त कारण मूलरूप से खपत की मांग में कमी, विनिर्माण गतिविधियों में धीमापन, जीएसटी के अमल और खनन गतिविधियों में कमी होने से था। हालांकि हाल के मैक्रो इकोनॉमिक संकेत ये हैं कि अर्थव्यवस्था की गतिविधियों में रिकवरी दिख रही है। इसमें आईआईपी मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट 3.4 फीसदी की दर से बढ़ा है जो 10 महीने के उच्च स्तर पर है तो खनन 9.4 फीसदी के साथ पांच महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया है। इसी तरह ट्रेड, होटल, ट्रांसपोर्टेशन एवं कम्युनिकेशन जैसे सेक्टर में पिछले पांच तिमाहियों में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई है। साथ ही विदेशी यात्रियों के आगमन, रेल से माल ढुलाई सहित करीबन सभी सेक्टरों में जो वृद्धि हुई है, उसका सकारात्मक असर जीडीपी की वृद्धि पर दिखेगा।