मुंबई, (हि.स.)। हैटसन एग्रो प्रोडक्ट लिमिटेड (एचएपी), ‘आरोक्य’, ‘हैटसन’, ‘अरुण आइसक्रीम’ इत्यादि ब्रांड्स वाली भारत की एक प्रमुख निजी डेयरी कंपनी ने तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में स्थित हैटसन की 8500 से अधिक मिल्क बैंकों (दूध एकत्रण केन्द्रों) में सफलतापूर्वक 100 वाट की क्षमता वाले सोलर सिस्टम्स की स्थापना की है, जहां एचएपी सीधे कृषकों से दूध प्राप्त करता है। वर्तमान में एचएपी की नेटवर्क में लगभग 9500 मिल्क बैंक शामिल हैं।
हैटसन मिल्क बैंकों पर हर एक कृषक द्वारा दी गई दूध की जांच होती है, वजन नापा जाता है और प्रतिदिन एक एसएमएस के ज़रिए कृषक के साथ इसकी पूरी जानकारी साझा की जाती है ताकि 100 प्रतिशत पारदर्शिता बनी रहे। एचएपी का प्रधान उद्देश्य नाविकरणीय ऊर्जा की सहायता से इस संरचना को पूरी तरह से बिजली प्रदान करना है।
इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में, एचएपी ने हैटसन की मौजूदा और आगामी मिल्क बैंकों दो करोड़ रुपये मूल्य की 1800 सोलर पैनलों की स्थापना के लिए फोकस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड,सोलर पॉवर पैनलों, चार्ज कंट्रोलर्स और पुर्जों के एक विख्यात निर्माता के साथ हाथ मिलाया है। महीने के अंत तक ये पैनल स्थापित हो जाने के बाद, एचएपी की 100 प्रतिशत मूलभूत अधिप्राप्ति संरचनाएं (जांच, वजन मापन और सभी बत्तियां) नाविकरणीय ऊर्जा की सहायता से काम करेगी। इसके अलावा, हैटसन की मिल्क बैंक्स ग्रिड से पॉवर सप्लाई पर कम निर्भर हो जाएंगे।
फोकस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड फोकस एजी जर्मनी की भारतीय भुजा है जो सोलर पॉवर पैनलों, चार्ज कंट्रोलर्स और पुर्जों के विश्व प्रमुख विनिर्माता है। सम्पूर्ण सोलर किट की डिज़ाइन फोकस एजी द्वारा जर्मनी में की जाती है और पॉन्डिचेरी और चेन्नई में स्थित फोकस इंडिया की उत्पादन सुविधा केंद्र में इसका विनिर्माण किया जाता है।
भारत की डेयरी क्षेत्र में नाविकरणीय ऊर्जा का उपयोग करने वालों में एचएपी अग्रणी है। एचएपी ने पहले ही तमिल नाडू की टूटीकोरिन जिला में 24 मेगा वाट क्षमता वाली विंड पॉवर प्लांट्स की शुरुआत की है और इसके साथ 180 करोड़ रुपये की संयुक्त निवेश सहित मार्च 2017 में तमिलनाडु की डिंडीगुल जिला में 550 किलोवाट की सोलर पॉवर प्लांट की शुरुआत भी की गई थी।
आरजी चन्द्रमोगन, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एचएपी के अनुसार, “एचएपी में हम उच्चतम मानक के दूध और डेयरी के अन्य उत्पाद प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम लगातार सभी स्तरों पर नाविकरणीय ऊर्जा का उपयोग करने का प्रयास करते हैं। सौर ऊर्जा से संचालित हैटसन की दूध की केन्द्रों पर बिजली की बेरोक आपूर्ति होगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वजन कांटा, जांच के उपकरण और सभी बत्तियां पूरी तरह से नाविकरणीय ऊर्जा से काम करें।