नई दिल्ली, (हि.स.)। सरकार ने सोमवार को दूसरी भारतनेट परियोजना की शुरूआत की जिसके तहत देश की सभी ग्राम पंचायतों तक 2019 तक हाई स्पीड ब्रॉबेंड सेवाएं पहुंचाई जायेंगी। इसमें कुल 34 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।
केंद्र सरकार 10 लाख किलोमीटर अतिरिक्त ऑप्टिकल फाइबर की सहायता से इन ग्राम पंचायतों को जोड़ने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा, कानून और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद, मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के दूसरे चरण की शुरुआत की घोषणा की।
रिलायंस जियो, वोडाफोन, भारती एयरटेल और आइडिया ने सरकारी सेवा का उपयोग के लिए चेक दिए। जियो ने 13.19 करोड़ रुपये, एयरटेल को 5 करोड़ रुपये, आइडिया सेल्यूलर ने 5 लाख रुपये और वोडाफोन ने 11 लाख रुपये दिए हैं।
इस अवसर पर संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि इसका मकसद देश की सभी 2 लाख 50 हजार ग्राम पंचायतों को एक सार्वभौमिक और गैर-भेदभावपूर्ण आधार पर प्रखंड मुख्यालय से जुड़ना है। यह नेटवर्क 1 जीबीपीएस की स्केलेबल बैंडविड्थ प्रदान करने में सक्षम है।
संचार मंत्री को चेक सौंपने के बाद रिलायंस जियो के निदेशक महेन्द्र नाहटा ने कहा, ‘‘हमने भारतनेट से बैंडविड्थ खरीदने के लिए जीएसटी सहित 13 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। हम शुरू में 30,000 ग्राम पंचायतों को शामिल करेंगे।’’
ग्रामीण एवं दूरदराज के क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड सेवाएं मुहैया कराने के लिए भारत सरकार की ‘भारतनेट’ परियोजना अब सेवा प्रदान करने के चरण में है। ‘डिजिटल इंडिया’ को बढ़ावा देने के लिए इन क्षेत्रों के लिए सरकार किफायती शुल्क ढांचा भी ले आई है।