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जीएसटी और नोटबंदी ने बढ़ाया डिजिटल ट्रांजैक्शन : रजनीश कुमार
By Deshwani | Publish Date: 6/11/2017 8:05:14 PM मुंबई, (हि.स.)। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने मुंबई में आयोजित एक सेमिनार में नोटबंदी और उसके प्रभावों पर अपनी राय रखी। उन्होंने कैशलेस ट्रांजैक्शन पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। सरकार ने नोटबंदी का जो निर्णय लिया है, उससे बैंकिंग सेक्टर पर भी प्रभाव पड़ा है। बैंकों में अकूत रकम जमा हुई है। फिलहाल इसके असर को लेकर पूरी तरह से कोई ठोस राय नहीं बनाई जा सकती। इसके लिए लोगों के माइंडसेट को बदलने की जरूरत है। हालांकि डिजिटल ट्रांजैक्शन की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। सरकार के नियमों का बैंकों की ओर से पालन किया जाएगा।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की ओर से मुंबई में आयोजित दो दिवसीय सेमिनार में आईटी, बैंकिंग और उद्योग सेक्टर से जुड़ी कई हस्तियों की मौजूदगी रही। नोटबंदी लागू होने के एक साल बाद आर्थिक स्थितियों पर होने वाले असर को लेकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रजनीश कुमार ने दावा किया कि सरकार ने जो भी निर्णय लिया है, उसका जो भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, वह हम लोगों का पीछा करता ही रहेगा।
हालांकि नोटबंदी बैंकिंग क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक कदम है। बैंकों में लगातार बचत खातों में रकम जमा हो रही है। कुमार ने कहा कि सरकार ने दो प्रमुख आर्थिक सुधारों को लागू किया है। नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) ने डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा दिया है। ऐसे किसी भी सुधार को लागू करने के बाद दीर्घकालिक प्रभाव पड़ता है। अक्षय ऊर्जा, इस्पात और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। बिजली क्षेत्र को अभी भी विशाल सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एनपीए समस्या को सुधारने की प्रक्रिया फिलहाल ट्रैक पर है और विभिन्न क्षेत्रों में बैंकों को अपनी अंतिम योजना प्रस्तुत करनी होगी।