नई दिल्ली, (हि.स.)। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) सहित आठ कोर उद्योगों का भारांक (वेटेज) तकरीबन 40.27 प्रतिशत है। सितंबर, 2017 में आठ कोर उद्योगों का सूचकांक 122.5 प्रतिशत रहा, जो सितंबर 2016 के मुकाबले 5.2 प्रतिशत ज्यादा है। वर्ष 2017-18 की अप्रैल-सितंबर की अवधि के दौरान संचयी उत्पादन वृद्धि दर 3.3 प्रतिशत रही।
कोयला में सितंबर, 2017 में कोयला उत्पादन (भारांक: 10.33%) रहा, जो सितंबर, 2016 के मुकाबले 10.6 प्रतिशत अधिक है। अप्रैल-सितंबर, 2017-18 में इसके संचयी सूचकांक में बीते वर्ष की समान अवधि की तुलना 1.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
सितंबर, 2017 के दौरान कच्चे तेल का उत्पादन (भारांक: 8.98%) सितंबर, 2016 की तुलना में 0.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। अप्रैल-सितंबर, 2017-18 में इसके संचयी सूचकांक में बीते वर्ष की समान अवधि की तुलना में 0.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
प्राकृतिक गैस में सितंबर 2016 की तुलना में सितंबर, 2017 में प्राकृतिक गैस का उत्पादन (भारांक: 6.88%) 6.3 प्रतिशत बढ़ गया। अप्रैल-सितंबर, 2017-18 में इसके संचयी सूचकांक में बीते वर्ष की समान अवधि की तुलना में 5.0 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
रिफाइनरी उत्पाद में सितंबर 2016 की तुलना में पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादों का उत्पादन (भारांक: 28.04%) सितंबर, 2017 में 8.1 प्रतिशत बढ़ गया। अप्रैल-सितंबर, 2017-18 में इसका संचयी सूचकांक बीते वर्ष की समान अवधि की तुलना में 2.1 प्रतिशत अधिक रहा।
उर्वरक में सितंबर 2016 की तुलना में सितंबर, 2017 के दौरान उर्वरक उत्पादन (भारांक: 2.63%) 7.7 प्रतिशत घट गया। अप्रैल-सितंबर, 2017-18 में इसका संचयी सूचकांक बीते वर्ष की समान अवधि की तुलना में 2.1 प्रतिशत घट गया।
इस्पात में सितंबर 2016 की तुलना में सितंबर, 2017 में इस्पात उत्पादन (भारांक: 17.92%) 3.7 प्रतिशत बढ़ गया। अप्रैल-सितंबर, 2017-18 में इसका संचयी सूचकांक बीते वर्ष की समान अवधि की तुलना में 5.5 प्रतिशत अधिक रहा।
सितंबर, 2017 के दौरान सीमेंट उत्पादन (भारांक: 5.37%) सितंबर, 2016 के मुकाबले 0.1 प्रतिशत अधिक रहा। अप्रैल- सितंबर, 2017-18 में इसका संचयी सूचकांक बीते वर्ष की समान अवधि की तुलना में 1.9 प्रतिशत कम रहा।
बिजली में सितंबर, 2017 के दौरान बिजली उत्पादन (भारांक: 19.85%) में सितंबर, 2016 के मुकाबले 5.2 प्रतिशत का इजाफा हुआ। अप्रैल-सितंबर, 2017-18 में इसका संचयी सूचकांक बीते वर्ष की समान अवधि की तुलना में 6.0 प्रतिशत अधिक रहा।