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जेटली ने जारी किया भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का रोडमैप
By Deshwani | Publish Date: 24/10/2017 9:28:08 PM
जेटली ने जारी किया भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का रोडमैप

नई दिल्ली, (हि.स.)। केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर मजबूत का रोडमैप जारी किया। जेटली ने बताया कि सरकार अर्थव्यवस्था के सभी मोर्चों पर वो काम करने जा रही है, जो अब तक नहीं हुए। आंकड़ों को रखते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री और उनकी टीम ने एक-एक कर अर्थव्यवस्था के हर पहलू पर सरकार द्वारा किए जा रहे काम और आनेवाले दिनों में सरकार की योजनाओं का रोडमैप सामने रखा। 

दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री और उनकी टीम ने आधारभूत संरचना, बैंकिंग, अर्थव्यवस्था के मूल कारक, एफडीआई, विदेशी मुद्रा भंडार, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं, बंदरगाहों- समुद्री तटों एवं मुख्य आर्थिक प्रदेशों को जोड़ती सड़कों का निर्माण, बैंकों के एनपीए और उनकी वसूली, सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों के लिए अतिरिक्त वित्तीय संसाधन योजना, गरीबों एवं आम नागरिकों के लिए आवास सुविधा और महंगाई को काबू में रखना सहित अर्थव्यवस्था के हर पहलू को लेकर सरकार की रणनीति का खुलासा किया। 
 
वित्त मंत्रालय की ओर से आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष गर्ग ने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर और मजबूती देने के लिए अर्थव्यवस्था के माइक्रो इकॉनामिक फैक्टर्स पर विशेष रूप से काम किया जा रहा है और आगे की वित्तीय योजनाएं इस तरह बनाई जा रही है जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था माइक्रो लेवल तक मजबूत रहे। जीएसटी, नोटबंदी जैसे सरकार के साहसिक फैसलों के चलते दो तिमाही में जरूर ऐसा लगा कि विकास रूक गया है, लेकिन अब अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में जैसे औद्योगिक विकास, आधारभूत उद्योग, इंडेक्स, ऑटोमोबाइल, उपभोक्ता उपभोग में एक बार फिर तेजी देखी जा रही है। जीडीपी जरूर पिछले तीन साल में 7 फीसदी से कुछ समय के लिए 5.7 फीसदी के स्तर पर आ गया है, लेकिन वैश्विक संकेत बता रहेे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक बार फिर मजबूती की ओर बढ़ रही है। 
 
महंगाई को काबू पाने में सरकार के प्रयासों से सफलता मिली है। महंगाई दर जो साल 2012-13 और 2013-14 में दो अंकों तक पहुंच गई थी, इस सरकार के प्रयासों से 5 फीसदी तक आ गई। हाल में महंगाई दर को हम 2 फीसदी के स्तर पर लाने में कामयाब हो गए हैं। देश की बैंकिंग व्यवस्था पर बोलते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एनपीए (नॉन पर्रफॉमिंग एसेस्ट्स) याने डूबते कर्जों के लिए सरकार ने नीतिगत सुधार किए हैं। जिसके चलते ऐसे कर्ज की वसूली आसान और जल्दी की जा सकेगी। इतना ही नहीं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए सरकार ने 2.11 लाख करोड़ रूपये की धनराशि निवेश करने का फैसला किया है, जिससे इन बैंकों की वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ किया जा सके। पहले की सरकारों पर हमला बोलते हुए जेटली ने खुलासा किया कि सरकारी बैंकों के तमाम डूबते कर्ज दरअसल पहले की सरकार के वक्त दिए गए थे। लेकिन अब उनकी सरकार न केवल उन डूबते कर्जों को वसूल रही है, साथ ही बैंक कर्ज प्रक्रिया को बेहतर और पारदर्शी बनाने के लिए काम कर रही है। 
 
देश की आधारभूत संरचना विकास में सड़क निर्माण के बारे में बताते हुए जेटली ने बताया कि अगले पांच साल में सरकार ने 83677 किलोमीटर सड़क निर्माण का लक्ष्य रखा है| इसके लिए 6.92 लाख करोड़ रूपये की धनराशि निर्धारित की गई है। अकेले भारतमाला परियोजना पर 5.35 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिससे 14.2 करोड़ मानव रोजगार दिवस पैदा किए जा सकेंगे। इनके तहत देश को प्रमुख आर्थिक केंद्रों को जोड़ना, अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं, समुद्री तटों के समानांतर सड़कों का निर्माण, ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे जैसे काम किए जाएंगे। 
 
वित्तीय क्षेत्र में एफडीआई में बड़े स्तर पर नीतिगत सुधार किए गए जा रहे हैं। अर्थव्यवस्था के अधिकांश सेक्टर्स में एफडीआई को लेकर लचीला लेकिन पारदर्शी रूख अपनाया है। जिसके चलते भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे खुली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गई है। दूसरी ओर सरकार ने विनिवेश कार्यक्रम को बढ़ाते हुए चालू वित्त वर्ष में 45 हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य प्राप्त किया, जो आने वाले वित्त वर्ष में 75 हजार करोड़ रुपये है। 
अरूण जेटली ने बताया कि उनकी सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था के सर्वांगीण विकास के लिए माइक्रो लेवल तक जाकर योजना निर्माण कर रही है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था के हर पहलू को मजबूत किया जा सके और भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक स्तर पर मजबूत अर्थव्यवस्थाओं की श्रेणी में बरकरार रहे। 
 
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