ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
बिज़नेस
बैंकों का एनपीए 6 लाख करोड़ से ज्यादा हुआ
By Deshwani | Publish Date: 20/2/2017 5:32:09 PM
बैंकों का एनपीए 6 लाख करोड़ से ज्यादा हुआ

नई दिल्ली, (हिस)। भारतीय बैंकों के नॉन पर्फामिंग एस्टेट (एनपीए) याने बुरे कर्ज में तेजी आई है। एनपीए वो कर्ज होता है, जिसकी बैंक को वापस मिलने की उम्मीद कम होती है। पिछले एक साल में देश की सरकारी बैंकों के एनपीए में 56 फीसदी का इजाफा देखा गया है। एक निजी वित्तीय एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सरकारी बैंकों का एनपीए 6 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है। पांच बैंकों का एनपीए तो आरबीआई की तय सीमा 15 फीसदी से ज्यादा हो गया है। आरबीआई के नियमों के मुताबिक किसी भी बैंक का एनपीए कुल दिए कर्ज का 15 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए। लेकिन इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक, आईडीबीआई और बैंक ऑफ महाराष्ट्र का एनपीए कुल दिए कर्ज के 15 फीसदी से ज्यादा है। मतलब इन बैंकों को मालूम है कि 15 फीसदी से ज्यादा कर्ज वापस नहीं होगा। बैंकिंग सेक्टर के जानकार इसके लिए 8 नवंबर, 2016 को घोषित नोटबंदी को भी जिम्मेदार मान रहे हैं। उनका कहना है कि नोटबंदी के कारण लघु और मध्यम स्तर के उद्योग बैंकों का अपना कर्ज चुकाने में असमर्थ हो गए, जिसके चलते भी बैंकों का एनपीए बढ़ा है। 

image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS