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सकारात्मक वैश्विक संकेतों से बाजार में रही तेजी
By Deshwani | Publish Date: 11/2/2017 6:27:07 PM
सकारात्मक वैश्विक संकेतों से बाजार में रही तेजी

मुंबई, (आईपीएन/आईएएनएस)। पिछले हफ्ते मजबूत वैश्विक संकेतों के कारण भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ बंद हुए, खासतौर से एशियाई और यूरोपीय बाजारों में सकारात्मक प्रवृत्ति से घरेलू बाजारों में कारोबारी धारणा को बल मिला। इस दौरान भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है और इसे 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा है। शीर्ष बैंक ने मुद्रास्फीति में उतार-चढ़ाव और वैश्विक अनिश्चितताओं को देखते हुए यह फैसला किया है। 

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने वित्त वर्ष 2016-17 की छठी और अंतिम मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर या वाणिज्यिक बैंकों के लिए अल्पकालिक उधारी दर को 6.25 फीसदी पर यथावत रखा है। वहीं, रिवर्स रेपो दर में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह 5.75 फीसदी पर बरकरार है। इस दौरान शुक्रवार को दिसंबर के औद्योगिक उत्पादन का आंकड़ा जारी किया गया। नोटबंदी के एक महीने बाद देश का औद्योगिक उत्पादन दिसंबर में नकारात्मक 0.4 फीसदी रहा है। आंकड़ों में गिरावट का प्रमुख कारण आठ नवंबर, 2016 को सरकार द्वारा की गई नोटबंदी थी, साथ ही मौसमी कारक भी रहे हैं। 

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आंकड़ों से पता चला है कि नवंबर में औद्योगिक उत्पादन में 5.7 फीसदी की वृद्धि हुई थी। जबकि पिछले साल के दिसंबर में यह नकारात्मक 0.9 फीसदी था। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आईआईपी के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में विनिर्माण क्षेत्र की विकास दर घटकर 2.00 फीसदी होने के कारण समूचे आईआईपी सूचकांक में गिरावट आई है, जिसका समग्र सूचकांक में अधिकतम वजन है। वहीं, इसके विपरीत दो प्रमुख उपसूचकांकों खनन और बिजली में साल 2016 के अंतिम महीनों में तेजी देखी गई। उस दौरान बिजली उत्पादन में 6.3 फीसदी और खनन उत्पादन में 5.2 फीसदी की वृद्धि हुई। वर्तमान वित्त वर्ष के प्रथम नौ महीनों में औद्योगिक उत्पादन में कुल वृद्धि 0.3 फीसदी हुई। इसके अलावा सूचकांक की छह उपयोग आधारित श्रेणी उपभोक्ता वस्तुओं में नकारात्मक 6.8 फीसदी की तेजी रही। वहीं, उपभोक्ता गैर टिकाऊ खंड का उत्पादन पांच फीसदी गिरा तो उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु खंड का उत्पादन घटकर नकारात्मक 10.3 फीसदी रहा। पूंजीगत वस्तुओं के खंड में जो आर्थिक गतिविधियों का महत्वपूर्ण संकेतक है, तीन फीसदी गिरावट देखी गई। मध्यवर्ती वस्तुओं का उत्पादन नकारात्मक 1.2 फीसदी घटा। हालांकि समीक्षाधीन अवधि में आधारभूत वस्तुओं के उत्पादन में 5.3 फीसदी की वृद्धि देखी गई। कुल मिलाकर समीक्षाधीन माह में उत्पादन क्षेत्र के 22 उद्योग समूहों में से केवल 17 समूहों में ही नकारात्मक वृद्धि दर रही है।

शुक्रवार को समाप्त पूरे सप्ताह के दौरान सेंसेक्स 93.73 अंकों या 0.33 फीसदी की तेजी के साथ 28,334.25 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 52.60 अंकों या 0.60 फीसदी की तेजी के साथ 8,793.55 पर बंद हुआ। बीएसई का मिडकैप सूचकांक 183 अंकों या 1.38 फीसदी तेजी के साथ 13,468.41 पर और स्मॉलकैप सूचकांक 179.21 अंकों या 1.34 फीसदी तेजी के साथ 13,601.31 पर बंद हुआ। सोमवार (छह फरवरी) को कारोबारी सप्ताह के प्रथम दिन सेंसेक्स में 198.76 अंकों या 0.70 फीसदी तेजी देखी गई और यह 28,439.28 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 60.10 अंकों या 0.69 फीसदी की तेजी के साथ 8,801 पर बंद हुआ। मंगलवार को सेंसेक्स में 104.12 अंकों या 0.37 फीसदी की गिरावट आई तथा यह 28,335.16 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 32.75 अंकों या 0.37 फीसदी की गिरावट के साथ 8,768.30 पर बंद हुआ। बुधवार को आरबीआई ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगर दरों को अपरिवर्तित रखा, जिसके नतीजे में बाजार में सपाट कारोबार देखने को मिला और सेंसेक्स 45.24 अंकों या 0.16 फीसदी की गिरावट के साथ 28,289.92 पर तथा निफ्टी 0.75 अंकों या 0.01 फीसदी की वृद्धि के साथ 8,769.05 पर बंद हुआ। गुरुवार को वैश्विक बाजारों में तेजी रही, जिसके असर से सेंसेक्स 39.78 अंकों या 0.14 फीसदी की तेजी के साथ 28,329.70 पर बंद हुआ तथा निफ्टी 9.35 अंकों या 0.11 फीसदी की तेजी के साथ 8,778.40 पर बंद हुआ। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को सेंसेक्स 4.55 फीसदी या 0.02 फीसदी की वृद्धि के साथ 28,334.25 पर तथा निफ्टी 15.14 अंकों या 0.12 फीसदी की वृद्धि के साथ 8,794.35 पर बंद हुआ। इस सप्ताह सेंसेक्स के 30 शेयरों में में 14 में तेजी रही और बाकी में गिरावट देखी गई। सेंसेक्स के तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे सन फार्मा (1.23 फीसदी), टीसीएस (7.29 फीसदी), इंफोसिस (3.54 फीसदी), विप्रो (2.26 फीसदी), अडानी पोट्र्स (2.54 फीसदी) और लार्सन एंड टूब्रो (1.46 फीसदी)। सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे - डॉ. रेड्डीज (5.30 फीसदी), सिप्ला (4.77 फीसदी), ल्यूपिन (1.75 फीसदी), पॉवरग्रिड (0.92 फीसदी), एनटीपीसी (0.90 फीसदी), टाटा स्टील (0.89 फीसदी) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (0.41 फीसदी)।

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