होशंगाबाद, (हि.स.)। स्थानीय कलेक्ट्रेट में जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर पर मंगलवार को कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें बताया गया कि 20 लाख से कम टर्नओवर वाले व्यापारियों के लिए जीएसटी नम्बर लेना अनिवार्य नहीं है। कार्यशाला में व्यापारियों को विभिन्न वस्तुओं के एक साथ बिल बनाने के लिए ऑफलाइन सॉफ्टवेयर का उपयोग करने की सलाह दी गई।
कार्यशाला में केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव मनोज पिंगुवा ने भारत शासन का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि जीएसटी सरल और सुविधाजनक कर है। इसने कई करों को समाप्त कर दिया है। प्रारंभिक काल होने के कारण इसमे व्यापारियों को कुछ कठिनाई आ रही है। व्यापारियों से प्राप्त हो रहे सुझावों के अनुसार इसमें सुधार भी किया जा रहा है।
सरकार ने जीएसटी को लागू करते समय व्यापारियों पर भरोसा किया है। इसके माध्यम से व्यापारी अलग से कोई टैक्स नहीं दे रहे हैं। वे केवल टैक्स संकलन का माध्यम बन गए हैं। जीएसटी के संबंध में व्यापारियों का यदि किसी तरह की आशंका है, तो राज्यकर विभाग की हेल्पडेस्क से मार्गदर्शन प्राप्त करें।
कार्यशाला में सहायक आयुक्त, सेन्ट्रल एक्साइज केके कुशवाह तथा अधीक्षक एसके जैन ने बताया कि 20 लाख से कम टर्नओवर वाले व्यापारियों को जीएसटी नम्बर लेना अनिवार्य नहीं है। ऐसे व्यापारियों के माल के परिवहन मे यदि कोई ट्रांसपोर्टर जीएसटी नम्बर की मांग करता है, तो डरे नहीं, उसे पैन नम्बर की जानकारी दे। यदि इसके बाद भी परिवहन मे असुविधा होती है, तो जीएसटी हेल्पडेस्क से सहायता प्राप्त करें। कोई व्यापारी उन वस्तुओं का व्यापार कर रहा है जो जीएसटी से बाहर है, तो उसके लिये भी जीएसटी नम्बर लेना अनिवार्य नहीं है। यदि किसी वस्तु मे 0 प्रतिशत जीएसटी है, तो उसके परिवहन से ट्रान्सपोर्टर इनकार नहीं कर सकता। इसमे जो भी माल भाड़ा होगा, उस पर व्यापारी को ही पांच प्रतिशत कर देना है।