फतेहाबाद, (हि.स.)। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग फतेहाबाद के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिन किसानों का बीमा क्लेम बनता था और उन किसानों को बीमा नहीं मिला है, ऐसे किसानों की सूची अपनी विस्तृत रिपोर्ट के साथ दो दिनों में मुख्यालय को भेंजे ताकि बीमा कम्पनी से क्लेम से वंचित किसानों का मुआवजा दिलवाया जा सके।
कृषि मंत्री चंडीगढ़ के अधिकारियों को भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की लंबित क्लेम राशि को दिलवाने के लिए जिला फतेहाबाद का दौरा कर रिपोर्ट लेने के आदेश दिए। धनखड़ विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के अतिरिक्त उपायुक्तों, उप-निदेशक कृषि तथा जिला बागवानी अधिकारियों के साथ आयोजित एक समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
कृषि मंत्री ने सभी अतिरिक्त उपायुक्त और डीडीए को यह भी निर्देश दिए कि जिन-जिन जिलों में जलभराव की सूचनाएं है, उनका जल्द से जल्द सर्वे किया जाए और अपनी रिपोर्ट दें ताकि किसान को बीमा कम्पनी से राहत दिलवाई जा सके।
उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बारे विस्तृत चर्चा करते हुए सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी प्रकार की किसान की अनदेखी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसी प्रकार का कोई कन्फ्यूजन नहीं हो, इसके लिए अधिकारी अपडेट रहे।
उन्होंने यह भी स्पष्ट कहा कि अधिकारी बीमा कम्पनी के एजेंट पर निर्भर नहीं है। अधिकारियों की रिपोर्ट पर ही बीमा राशि किसान को क्लेम दी जाएगी। कुछ जिलों से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अड़चनों को स्पष्ट करते हुए कृषि मंत्री ने सभी अधिकारियों को आदेश दिए कि कृषि विभाग के अधिकारी सर्वे की मास्टर कॉपी की फोटोकॉपी मुख्यालय को तुरंत भेंजे ताकि जिन किसानों की सर्वे रिपोर्ट में बीमा क्लेम करने की अनुशंसा है और उन्हें अभी तक बीमा का क्लेम नहीं मिला है ऐसे किसानों की सूची भी मुख्यालय को भेजी जाए।
धनखड़ ने क्रोप कटिंग बीमा क्लेम बारे कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की कोई भ्रांति नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस गांव की फसल की औसत पैदावार पूर्व निर्धारित औसत पैदावार से कम होती है तो क्लेम का भुगतान सभी बीमित किसानों को उनके भूमि अनुसार दिया जाएगा।
उन्होंने बैंकर्स को भी निर्देश दिए कि वे बीमा कम्पनी के द्वारा दिए गए क्लेम को तुरंत संबंधित गांव के किसानों के बैंक खातों में डालना सुनिश्चित करे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत लम्बित मामलों को निपटाने के लिए तुरन्त बीमा कम्पनियों के प्रतिनिधियों के साथ विशेष शिविरों का आयोजन करें।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि राज्य में सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश को नाबार्ड द्वारा सिंचाई कार्यकुशलता फण्ड से 600 करोड़ रुपये शीघ्र ही मिलेंगे। इस योजना के तहत सहायता प्राप्त करने वाला हरियाणा संभवत: देश का पहला राज्य होगा। हरियाणा ने इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर ली है।
इसके अतिरिक्त, केन्द्र सरकार ने फरीदाबाद स्मार्ट सिटी में पैरी अर्बन हॉर्टिकल्चर को बढ़ावा देने के लिए चुना है और इस परियोजना के लिए लगभग चार करोड़ रुपये की राशि भी स्वीकृत की है। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने जिलों में इस स्कीम के तहत अपने लक्ष्यों की पूर्ति करें और किसानों का सूक्ष्म सिंचाई की ओर रूझान पैदा करे।
उन्होंने कहा कि आने वाला समय सूक्ष्म सिंचाई का है। डार्क जोन बढ़ाता जा रहा है और पानी की उपलब्धतता भी कम है। बिजली की खपत ज्यादा होने, पानी की उपलब्धतता कम होने पर किसान के पास सूक्ष्म सिंचाई एक बेहतर विकल्प है। विभाग इस विकल्प पर किसान को लेकर आए।