कानपुर, (हि.स.)। नोटबंदी के दौरान चिल्लरों यानी पांच से 10 के सिक्कों को बैंकों ने ग्राहकों को झोली भर-भरकर दिया। जिसके चलते अब बाजार हर दुकानों में सिक्के ही सिक्के दिखाई दे रहे हैं। हालत यह हो गई है कि इन सिक्कों को कोई लेने को तैयार नहीं है, जिससे मजबूर होकर दुकानदार कमीशन पर दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र में आठ नवम्बर को विमुद्रीकरण की घोषणा कर पांच सौ व एक हजार के नोट को पूरी तरह बंद करने का फरमान सुनाया था। जिसके बाद बाजार में नोटों की कमी के चलते बैंकों ने ग्राहकों को ज्यादा से ज्यादा सिक्के दिये। अब स्थिति यह आ गई कि कोई भी दुकानदार इन सिक्कों को लेने को तैयार नहीं है। यही हाल ग्राहकों का है जो सिक्के लेने से कतराता है। बाजार में ऐसी कोई दुकान नहीं होगी जहां पर सिक्कों की भरमार न हो। किसी-किसी दुकानदार के पास तो इनकी संख्या लाखों से ऊपर जा पहुंची हैं। ऐसे में मजबूर होकर दुकानदार कमीशन पर सिक्के देने को तैयार हैं।
दुकानदारों का दर्द
रावतपुर के प्रोविजन स्टोर संचालक सोनू गुप्ता ने बताया कि बैंक सिक्के लेने को तैयार नहीं है। ऐसे में 10 से 12 प्रतिशत कमीशन पर नया बाजार में सिक्कों को देना पड़ता है। कल्याणपुर के चाय दुकानदार रमेश तिवारी का कहना है कि दिनभर में अगर एक हजार की बिक्री होती है तो कम से कम चार सौ के सिक्के आते हैं। जेब में भरने के चलते ग्राहक सिक्के लेने को तैयार नहीं है।
किदवई नगर के किराना स्टोर दुकानदार विकास अग्रवाल का कहना है कि सिक्के लेने में कोई परहेज नहीं है पर जहां से हम सामान लाते हैं वह लोग लेने को तैयार नहीं है। जब बैंक जाते है तो वहां भी आनकानी की जाती है। सिविल लाइन के जनरल मर्चेंट दुकानदार मनोज ने आरोप लगाया कि जब बैंकों पर इन सिक्कों को जमा करने के लिए जाते हैं तो पहले तो मना करने की कोशिश करते हैं। अधिक निवेदन करने पर कमीशन मांगने लगते हैं और वह भी समय से देने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में हम लोगों के पास एक ही विकल्प बचता है कि बाजार में कमीशनखोरों के पास सिक्का देकर नोट लेना।
बैंक अधिकारियों का कहना
इस पर जब बैंक अधिकारियों से बात की गई तो ऑन रिकार्ड बोलने को कुछ तैयार नहीं है, पर यह जरूर कह देतें है कि सिक्के लेने में समय लगता है बैंक कर्मचारियों की व्यवस्था करें हमें सिक्के लेने में कोई परहेज नहीं है। एक बैंक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर यहां तक दिया कि आरबीआई का निर्देश है कि सिक्के न लिये जाय। अगर आरबीआई हम लोगों से सिक्के ले तो हमें कोई दिक्कत नहीं है।
आरबीआई का कहना
सिक्कों के बुरे दिन को लेकर जब आरबीआई के जन संपर्क अधिकारी दीपेश तिवारी से बातचीत की गई तो कहा सभी बैंकों को निर्देश दिया गया है कि सिक्कों को लेने पर आनाकानी न करें। अगर कोई बैंक भी इनको लेने में कमीशन मांगता है तो भी शिकायत करें। सिक्कों का न लेना पूरी तरह से बैंक के नियमों की अनदेखी है। शिकायत में अगर सही पाया गया तो यह तय समझे कि कार्यवाही होगी।