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जीएसटी का लक्ष्य अनौपचारिक क्षेत्र को औपचारिक अर्थव्यवस्था के दायरे में लाना : पीयूष गोयल
By Deshwani | Publish Date: 8/8/2017 8:18:30 PMनई दिल्ली, (हि.स.)। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का लक्ष्य अनौपचारिक क्षेत्र को औपचारिक अर्थव्यवस्था के दायरे में लाना है। उन्होंने कहा कि जीएसटी ढांचे ने हर लेनदेन को शुरू से अंत तक अपने दायरे में लाया है और स्रोत से अंतिम गंतव्य स्थान पर रिकॉर्ड किया ताकि पारदर्शिता और भ्रष्टाचार मुक्त व्यापार वातावरण बने जहां अनिश्चितता के लिए कोई जगह नहीं हो।
पीयूष गोयल ने मंगलवार को यहां फिक्की द्वारा आयोजित 'जीएसटी-भारतीय अर्थव्यवस्था और आगे का रास्ता’ विषय पर कार्यक्रम में कहा कि जीएसटी टैक्स बेस में वृद्धि करेगा और अंततः कर दरों में कटौती करेगा। करों से बढ़ी राजस्व गरीब, बूढ़े, बच्चों और महिलाओं और समाज के अन्य वंचित वर्गों की भलाई के लिए लक्षित व्यय को सक्षम करेगा। इसके अलावा, सरकार बेहतर बुनियादी ढांचे का विकास करने में सक्षम होगी।
गोयल ने कहा कि जीएसटी प्रौद्योगिकी की सहायता से सिस्टम से विसंगतियों को हटाकर एक स्वस्थ व्यवस्था बनायेगा। इससे पहले, कई करों के साथ, करों को दूर करना आसान था, लेकिन जीएसटी ढांचे ने व्यापारियों को प्रत्येक लेनदेन रिकॉर्ड करने को आवश्यक बना दिया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू करने का मोदी सरकार का प्रमुख उद्देश्य कर चोरी पर अंकुश लगाना और देशभर में एक समान कर प्रणाली लागू करना है। जीएसटी की सफलता से सरकार को अतिरिक्त राजस्व मिलेगा जिसका उपयोग ग्रामीण भारत व शहरों में आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए किया जाएगा।