नई दिल्ली, (हि.स.)। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने स्टॉक एक्सचेंजों को संदिग्ध 331 सूचीबद्ध शेल कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है।
शेल कंपनियों का इस्तेमाल कालाधन सफेद करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा इसके जरिये कर बचाने की कोशिश भी की जाती है। इन कंपनियों का ज्यादातर कारोबार सिर्फ कागजों पर चलता है। काले धन की समस्या और कंपनियों की अवैध लेन-देन रोकने के लिए कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने इन शेल कंपनियों की पहचान की थी।
इन 331 कंपनियों के शेयरों को तत्काल प्रभाव से तथाकथित ग्रेडेड निगरानी तंत्र (जीएसएम) के चरण चार में रखा जाएगा। जीएसएम चरण चार के तहत इन्हें एक महीने में केवल एक बार शेयरों में व्यापार करने की अनुमति होगी।
इन कंपनियों को भी स्वतंत्र लेखा परीक्षा के अधीन किया जाएगा और उनके वित्तीय जांच के लिए एक फॉरेंसिक ऑडिट भी किया जाएगा।
ऑडिट के पूरा होने के बाद, अगर एक्सचेंजों को यह प्रमाण नहीं मिल रहा है कि ये कंपनियां वास्तव में मौजूद हैं, तो उन्हें डीलिस्टिक किया जाएगा।
इसके अलावा, निवेशकों को लेन-देन के लिए 200 फीसदी का मार्जिन रखना होगा और पिछले बंद भाव के ऊपर सौदे नहीं होंगे। इन कंपनियों में गैलेंट इस्पात, जे कुमार इंफ्रा, पिनकॉन स्पिरिट, पार्श्वनाथ डेवलपर्स, प्रकाश इंडस्ट्रीज, एसक्यूएस बीएफएसआई, रोहित फेरो, आरईआई एग्रो और असम कंपनी का नाम शामिल है।
घोषणा के बाद बाजार गिरावट देखी गई| बीएसई का बेंचमार्क सेंसेक्स इंडेक्स 0.54 फीसदी घटकर 32,100.90 अंक पर आ गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 0.50 फीसदी की गिरावट के साथ