ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
बिज़नेस
''राजनीतिक दलों के टुकड़े होने रोकने के लिए दल-बदल रोधी कानून में हो संशोधन''
By Deshwani | Publish Date: 8/8/2017 3:03:52 PM
''राजनीतिक दलों के टुकड़े होने रोकने के लिए दल-बदल रोधी कानून में हो संशोधन''

नई दिल्ली, (हि.स.)। भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और पूर्व राज्यसभा सांसद विमल जालान ने सदन की कार्यवाही में सुधार को लेकर कई अहम सुझाव दिए हैं। 
आरबीआई पूर्व गवर्नर और राज्यसभा में 2003 से 2009 के बीच मनोनीत सांसद जालान ने सदन की कार्यवाही में नियमों के सख्ती से पालन की सलाह दी है। जालान का सुझाव है कि लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति के पास कई शक्तियां होती हैं लेकिन शायद ही कभी उनका उपयोग किया जाता है। जैसे किसी सदस्य को बर्खास्त करना या निलंबित करना। 
जालान ने कहा, 'अगर कोई सदस्य पांच या दस सदस्यों वाले किसी छोटे दल का हिस्सा है, तो पार्टी तोड़कर दूसरी पार्टी से जुड़ने के लिए सिर्फ तीन या चार सदस्यों का एकमत होना पर्याप्त है, जो बहुत आसान भी है। राजनीतिक दलों के टुकड़े होने से बचाने के लिए दल-बदल रोधी कानून में संशोधन किया जाना चाहिए। दल-बदल रोधी कानून को समस्त राजनीतिक दलों और सत्तारूढ़ गठबंधन से जुड़ने वाले तथाकथित निर्दलीय सदस्यों पर भी लागू किया जाना बेहद आवश्यक है।' उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि प्रशासन में सुधार लाने के लिए दल बदलने वाले सदस्यों द्वारा दल बदलने से पहले फिर से चुनाव कराए जाने की मांग करने का प्रावधान लाना चाहिए। 
पेंगुइन प्रकाशन द्वारा प्रकाशित जालान की पुस्तक 'इंडिया : प्रायरिटीज फॉर द फ्यूचर' में जालान ने कहा है कि सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने वाले दलों को फिर से चुनाव की मांग किए बगैर दल से अलग होने की इजाजत नहीं होनी चाहिए। दल-बदल रोधी कानून में इस तरह का संशोधन मंत्रिमंडल की जनता के प्रति सामूहिक जवाबदेही को मजबूत करेगा। जालान कहते हैं कि 1985 और 2013 में दलों को टूटने से बचाने के लिए किए गए संशोधनों के बाद संविधान के मौजूदा प्रावधानों के तहत, चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों के विघटन को हतोत्साहित करने वाले नियम हैं।
गौरतलब है कि गुजरात में तीन सीटों के लिए हुए राज्यसभा चुनाव को सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्ष कांग्रेस द्वारा प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है। कांग्रेस ने भाजपा पर अपने विधायकों के खरीद फरोख्त और विधायकों को क्रॉस वोटिंग के लिए सत्तापक्ष द्वारा धमकाने के आरोप लगाए थे। हालांकि आज गुजरात में जारी चुनाव में कई कांग्रेस विधायकों ने कांग्रेस प्रत्याशी अहमद पटेल के खिलाफ मतदान किया है। 
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS