नई दिल्ली, (हिस)। केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने अन्तरमंत्रालयी मंत्री समूह के साथ भारतीय मजदूर संघ के नेताओं की मुलाकात में आश्वासन दिया कि सरकार श्रमिकों के कल्याण एवं उनकी स्थिति को प्राथमिकता से सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्री समूह में श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री बंडारू दत्तात्रेय, विद्युत, उर्जा एवं कोयला राज्य मंत्री पीयूष गोयल, पेट्रोलियम राज्य मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, केंद्रीय पूर्वोत्तर विकास राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह शामिल थे।
भारतीय मजदूर संघ नेताओं ने बीड़ी, मत्स्य, कालीन उद्योग, सूक्ष्म, लघू एवं मध्यम उद्योगों, दुकानों आदि क्षेत्रों पर जीएसटी के कारण गहन प्रभाव का मुद्दा उठाया तथा मांग की कि उपकर (सेस) वापसी के स्थान पर बजटीय प्रावधान किया जाये। जेटली ने आश्वासन दिया कि सरकार इस मामले की जांच करेगी और देखेगी कि किसी पर भी गैर-वैज्ञानिक रूप से नए जीएसटी का बोझ न पड़े। भारतीय मजदूर संघ ने सार्वजनिक प्रतिश्ठानों के विनिवेष एवं कई सार्वजनिक प्रतिष्ठानों में कर्मचारियों के वेतन भुगतान न किये जाने का मुद्दा भी उठाया। इसके अतिरिक्त एयर इंडिया के निजीकरण का मुद्दा भी उठाया गया।
मंत्री समूह ने कहा कि वे इस विषय पर केस टू केस जांच करेंगे और पीएसयू में काम कर रहे कामगारों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि रक्षा प्रतिष्ठानों में किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं होगी, केवल कार्य का पुनर्गठन किया जायेगा।
भारतीय मजदूर संघ ने एलआईसी एवं जीआईसी कर्मचारियों के लिए एक और पेंशन विकल्प तथा 5 दिन के सप्ताह की मांग भी की। वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार जल्दी ही इस संबंध में निर्णय लेगी।
बीएमएस ने केन्द्र सरकार के तहत आंगनवाड़ी, आशा कार्यकर्ता जैसे योजना कर्मचारियों की दुर्दशा के बारे में भी अन्तरमंत्रालयीन समूह के ध्यान में लाया और सरकार से उन्हें सरकारी कर्मचारियों के समान मजदूरी और सेवा शर्ते प्रदान करने की मांग की । मत्रालयीन समूह ने कहा कि यह मामला विचाराधीन है और जल्द ही इसका समाधान हो जाएगा। इसके अतिरिक्त बीएमएस ने अन्तरमंत्रालयीन समूह से अन्य श्रमिकों के मुद्दों पर भी चर्चा की।
श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री ने अन्तरमंत्रालयीन समूह को बताया कि उनके मंत्रालय ने श्रमिकों के लिए अच्छी पहल की है। सामाजिक सुरक्षा पर महत्वाकांक्षी श्रम संहिता पर परामर्श शीघ्र ही शुरू हो जायेगा। यह पूरे देश में सभी श्रमिकों के साथ साथ स्व-नियोजित कामगारों के लिए भी प्रस्तावित है।
उन्होंने कहा कि श्रम संगठनों के आपत्तियों का मूल्यांकन किया जायेगा। मजदूरी पर श्रम संहिता जिसमें सभी कर्मचारियों के लिए उत्कृष्ट न्यूनतम मजदूरी का प्रावधान है संसद के पटल पर प्रस्तुत किया जायेगा। औद्योगिक संबंधों पर संहिता ट्रेड यूनियन के आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए उन पर विचार करने के बाद ही रखा जायेगा। उन्होंने दोहराया कि सरकार त्रिपक्षीय वार्ता पर विश्वास करती है और कहा कि श्रम कानूनों में बिना श्रमिक प्रतिनिधियों से चर्चा किये कोई परिवर्तन नही किया जायेगा।
भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधि मंडल में अध्यक्ष सजी नारायणन, महामंत्री - विरजेश उपाध्याय, संगठन मंत्री - बी सुरेन्द्रन, वित्त सचिव - जगदीश जोशी, उपाध्यक्ष - जयन्ती लाल एवं क्षेत्रीय संगठन मंत्री - पवन कुमार शामिल थे।