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माल एवं सेवा कर परिषद की अहम बैठक, ई-वे बिल प्रणाली होगी तय
By Deshwani | Publish Date: 5/8/2017 3:18:10 PM
माल एवं सेवा कर परिषद की अहम बैठक, ई-वे बिल प्रणाली होगी तय

नई दिल्ली, (हि.स.)। केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली की अध्यक्षता में होने वाली माल एवं सेवा कर परिषद बैठक में एक तय मूल्य की वस्तुओं की ढुलाई से पहले ऑनलाइन पंजीकरण (ई-वे बिल) के लिए प्रणाली तय कर सकती है। इस बैठक में एक जुलाई से लागू हुई जीएसटी कर प्रणाली की समीक्षा भी की जाएगी। बैठक में परिषद उपभोक्ता हितों के संरक्षण के लिए मुनाफाखोरी रोकने के प्रावधान को क्रियान्वयित करने की प्रणाली भी तय कर सकती है।
सूत्रों के अनुसार परिषद इसके साथ ही गार्मेंट बनाने से जुड़े जॉब वर्क पर कर की दर को कम करके पांच प्रतिशत कर सकती है। दरअसल गार्मेंट व्यापारी कई दिन से इसकी मांग लगातार कर रहे हैं। 
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड की अध्यक्ष वनजा सरना ने कहा कि 29 में से 25 राज्यों द्वारा चेकपोस्ट हटा देने के कारण राज्यों के बीच मालों की ढुलाई आसान हुई है। सरना ने कहा कि करीब 25 राज्यों ने चेकपोस्ट समाप्त कर दिए हैं। अब तक सही दिशा में चल रही हैं।
उन्होंने कहा कि देश भर के लिए ई-वे बिल प्रक्रिया समान होते ही हम कुछ ऐसा करने में सक्षम होंगे जो पहले से बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि ई-वे बिल से प्रक्रियाएं आसान हो जाएंगी।
इसके तहत 50 हजार रूपए से अधिक के किसी भी सामान को कहीं ले जाने से पहले उनका ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य हो जाएगा। उन्होंने हालांकि इस बात पर टिप्पणी करने से मना कर दिया कि क्या ई-वे बिल के लिए तय 50 हजार रूपए की सीमा को स्थिर रखा जाएगा, जबकि कई राज्य इसे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। ड्राफ्ट के प्रावधानों के अनुसार जीएसटीएन ई-वे बिल प्रदान करेगी, जो ढुलाई की दूरी के आधार पर एक से 20 दिन तक के लिए वैध होगा।
इसकी वैधता सौ किलोमीटर की दूरी के लिए एक दिन, 100 से अधिक तथा 300 किलोमीटर से कम की दूरी के लिए तीन दिन, 300 से अधिक तथा 500 किलोमीटर से कम की दूरी के लिए पांच दिन तथा 500 से अधिक लेकिन 1000 किलोमीटर से कम की दूरी के लिए 10 दिन होगी।
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