नई दिल्ली, (हि.स.)। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन वर्ष 2011 में और तत्पश्चात राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान, 2020 का अनावरण वर्ष 2013 में किया था। राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान, 2020 के अंतर्गत 2020 तक 60-70 लाख हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री करने का केंद्र सरकार का महत्वकांक्षी लक्ष्य है।
भारी उद्योग और लोक उद्यम राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो ने यह जानकारी मंगलवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। उन्होंने बताया कि मिशन के एक भाग के रूप में भारती उद्योग विभाग ने फेम-इंडिया (भारत में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वहानों के तीव्र अंगीकरण और विनिर्माण) नामक योजना तैयार की है। यह समग्र स्कीम 2020 तक 6 वर्ष की अवधि के दौरान कार्यान्वित की जानी प्रस्तावित है जिसके अंतर्गत निर्धारित अवधि के अंत तक आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए हाइब्रिड व इलेक्ट्रिक वाहनों के बाजार विकास और इसके विनिर्माणकारी पारिस्थितिकी-तंत्र को सहायता प्रदान करने की परिकल्पना की गई है। वर्तमान में स्कीम का चरण-1 कार्यान्वित किया जा रहा है, जो मूलत: एक अप्रैल 2015 से आरम्भ होकर 31 मार्च 2017 तक दो वर्ष की अवधि के लिए था तथा अब इसकी अवधि का विस्तार 30 सितंबर 2017 तक आगे और 6 माह की अवधि के लिए कर दिया गया है।
चूंकि फिलहाल फेम-इंडिया स्कीम पूरी तरह से संपूर्ण देश में लागू नहीं है। इसलिए यह विभाग उन वाहनों के आंकड़े रखता है जिनकी बिक्री स्कीम के फोकस क्षेत्र में मांग – सृजन के अंतर्गत की जाती है। फोकस के लिए शामिल किए गए इन क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों की बिक्री के लिए मांग-प्रोत्साहन दिया जाता है। स्कीम के अंतर्गत 26 जुलाई 2017 की स्थिति तक कुल 1,50,550 इलेक्ट्रिक व हाइब्रिड वाहनों को यह प्रोत्साहन उपलब्ध कराया गया है।
एडवोकेट नरेन्द्र केशव सावईकर ने लोकसभा में लिखित सवाल के माध्यम से पूछा था कि क्या सरकार देश में शीघ्र ही विद्युत वाहनों की संख्या बढ़ाकर कम से कम छह मिलियन करने पर विचार कर रही है| यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है तथा इस उद्देश्य के लिए क्या समय-सीमा तय की गई है और क्या विद्युत वाहनों की वर्तमान उत्पादन क्षमता उक्त आवश्यकता को पूरा करने में समर्थ होगी।