नई दिल्ली, (हि.स.)। विशेषज्ञों और बैंकरों का मानना है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) बुधवार को अपनी तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में कम से कम 0.25 प्रतिशत तक बेंचमार्क उधार दर में कटौती कर सकता है।
बैंकरों ने उम्मीद जताई है कि पिछले चार बार से नीतिगत दर को मुद्रास्फीति को जोखिम का हवाला देकर 6.25 प्रतिशत पर ही रखने के फैसले को इस बार जारी न रखते हुए आरबीआई दर में बड़ी कटौती भी कर सकता है।
आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली आरबीआई की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) दो अगस्त को दोपहर को बैठक के नतीजे की घोषणा करेंगे।
उपभोक्ता आधारित मूल्य सूचकांक (सीपीआई) और थोक मूल्य सूचकांक दोनों में मुद्रास्फीति में आई कमी को ध्यान में रखते हुए ब्याज दरों में कमी के लिए एक मजबूत मामला बनता दिख रहा है। ऐसौचेम और फिक्की जैसे उद्योग परिसंघ कहते आ रहे हैं कि आरबीआई को कटौती करनी चाहिए।
आरबीआई की आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में दर में कटौती की उम्मीद और स्वस्थ तिमाही परिणामों की अपेक्षाओं के साथ सोमवार को दोपहर के समय प्रमुख इक्विटी बाजारों में सराहनीय बढ़त देखने को मिली।
दो अगस्त को आरबीआई समीक्षा को लेकर एसबीआई की चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य का कहना है कि रेट कट होता है, तो ये खुशी की बात होगी। वहीं एक्सिस बैंक की एमडी और सीईओ शिखा शर्मा का कहना है कि दर कटौती से सेंटिमेंट अच्छे होंगे।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र के प्रबंध निदेशक आरपी मराठे ने कहा कि मुद्रास्फीति नीचे आई है और औद्योगिक वृद्धि भी कमजोर बनी हुई है। ऐसे में ब्याज दरों में कम-से-कम चौथाई प्रतिशत कटौती की गुंजाइश बनती है। इंडियन बैंक के प्रबंध निदेशक किशोर खारत ने कहा कि ऐसी उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक कम-से-कम 0.25 प्रतिशत की कटौती करेगा।