नई दिल्ली, (हि.स.)। ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट अपनी प्रतिद्वंदी स्नैपडील को खरीदने की तैयारी में है। इससे दोनों कंपनियां मिलकर अंतरराष्ट्रीय कंपनी अमेजन को कड़ी टक्कर देंगी।
अभी तक स्नैपडील और न ही फ्लिपकार्ट ने इस अधिग्रहण की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। इस डील को अंतिम रूप स्नैपडील के शेयर धारकों की मंजूरी के बाद ही मिलेगा।
खबरों के मुताबिक स्नैपडील के बोर्ड ने 900 से 950 मिलियन डॉलर (लगभग 61 अरब रुपये) में अधिग्रहण को हरी झंडी दिखा दी है।
इस विलय को स्नैपडील में निवेश करने वाली दो बड़ी कंपनियों सॉफ्टबैंक और नेक्सस वेंचर्स पार्टनर (एनवीपी) ने भी अपनी हरी झंडी दे दी है। दोनों कंपनियां फ्लिपकार्ट के साथ इस हफ्ते के भीतर टर्म शीट पर अपने दस्तखत करेंगी।
एक अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी के मुताबिक अब दोनों कंपनियों के विलय का रास्ता साफ हो गया है। डील के मुताबिक स्नैपडील के प्रत्येक फाउंडर को 2.5 करोड़ डॉलर मिलेंगे, वहीं नेक्सस को 10 करोड़ और कालारी को 7-8 करोड़ डॉलर मिलने की संभावना है।
इससे पहले खबर थी कि फ्लिपकार्ट ने स्नैपडील को 700-800 मिलियन डॉलर का ऑफर दिया था जिसे उसने ठुकरा दिया था। काफी समय से नुकसान झेल रही ई-कॉमर्स कंपनी में सबसे ज्यादा निवेश करने वाले सॉफ्टबैंक इसे बेचना चाहती है।
फ्लिपकार्ट और स्नैपडील का विलय तीन चरण में होगा। पहले सॉफ्टबैंक स्नैपडील के निवेशकों से कंपनी की हिस्सेदारी खरीदेगा इसके बाद इस हिस्सेदारी को फिल्पकार्ट को बेचा जाएगा जो आगे कंपनी को पूरी तरह अपने में विलय कर लेगा।