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कर्ज में डूबी एयर इंडिया का निजीकरण तय
By Deshwani | Publish Date: 21/7/2017 12:43:37 PMनई दिल्ली, (हि.स.)। केंद्र सरकार ने कर्ज में डूबी सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया में विनिवेश के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है| केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) के इस संबंध में दिए फैसले को लागू करने के लिए एयर इंडिया विशिष्ट वैकल्पिक तंत्र का गठन किया गया है जो आगे की कार्रवाई के लिए निर्णय करेगा।
नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2016-17 के लिए एयर इंडिया का घरेलू बाजार हिस्सेदारी 14.2 प्रतिशत है और मौजूदा वित्त वर्ष में मई महीने में एयर इंडिया की घरेलू बाजार में हिस्सेदारी 13.0 प्रतिशत है। 31 मार्च 2017 को एयर इंडिया लिमिटेड का कुल कर्ज 48,876.81 करोड़ रुपये (अनुमानित) है।
लेखा परीक्षित खातों के अनुसार पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान एयर इंडिया (एआई) का शुद्ध घाटा वर्ष 2015-16 में 3836.77 करोड़ रुपये रहा। इस दौरान 6000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई। वर्ष 2014-15 में 5859.91 करोड़ रुपये का घाटा रहा और 5780 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मुहैया कराई गई। वर्ष 2013-14 में 6279.60 करोड़ रुपये का घाटा था जबकि 3300 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी गई।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने गत 28 जून को आयोजित अपनी बैठक में एयर इंडिया और इसके पांच सहायक और एयर इंडिया विशिष्ट वैकल्पिक तंत्र में विनिवेश के लिए सिद्धांत रूप से मंजूरी दे दी थी। सीसीईए के निर्णय को कार्यान्वित करने के लिए, लेनदेन सलाहकार की नियुक्ति, कानूनी सलाहकार और संपत्ति वैल्यूयर को नियम और शर्तों के अनुसार लिया जाएगा। सीसीईए के फैसले को लागू करने के लिए, एक एयर इंडिया विशिष्ट वैकल्पिक तंत्र का गठन किया गया है जो आगे की कार्रवाई के लिए निर्णय करेगा।