ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगातदेश की संस्कृति का प्रसार करने वाले सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर को प्रधामंत्री ने संर्जक पुरस्कार से सम्मानित किया'दंगल' फेम सुहानी भटनागर की प्रेयर मीट में पहुंचीं बबीता फोगाट
बिज़नेस
ठोस कारण बिना जीएसटी दर में बदलाव नहीं : सीबीईसी प्रमुख
By Deshwani | Publish Date: 19/7/2017 7:56:00 PM
ठोस कारण बिना जीएसटी दर में बदलाव नहीं : सीबीईसी प्रमुख

 नई दिल्ली, (हि.स.)। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) की अध्यक्ष वनजा सरना ने बुधवार को यहां कहा कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) की दर में तब तक कोई बदलाव नहीं किया जाएगा जब तक कोई ठोक कारण सामने नहीं आता। 

उनका सीधा इशारा कपड़ा क्षेत्र की ओर था। उन्होंने कहा, ‘‘जब तक कुछ ऐसा नहीं होता जिसे सही ठहराया जा सके जब तक कोई अनियमितता नहीं आती, मुझे नहीं लगता कि इस समय किसी दर पर विचार करना चाहिए।’’ 
उन्होंने कहा कि उद्योग जगत अब भी किसी नियम, दर और कानून पर विचार की बात कर सकता है उसके पास समय है। लेकिन जीएसटी दर में कटौती की मांग करना जब तक कि कोई अनियमितता न हो, उसे ठीक किया जाना हो और कुछ छूट रहा हो उसे स्वीकारा नहीं जा सकता। 
उन्होंने कहा कि ‘‘मुद्दा यह है कि कपड़ा क्षेत्र को पहली बार कर दायरे में लाया गया है। ऐसे में जो कोई इसके दायरे में आयेगा उसे चुभन होगी।’’
उल्लेखनीय है कि सरकार ने मंगलवार को कपड़ा क्षेत्र में जीएसटी की दर को शून्य किये जाने से इनकार करते हुए कहा था कि इससे इनपुट टैक्स क्रेडिट चैन प्रभावित होगी और स्थानीय उद्योग को आयात सस्ता होने के चलते नुकसान उठाना पड़ेगा। 
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को एक लिखित प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘आम तौर पर, जीएसटी दरों पूर्व-जीएसटी कर के बराबर या उससे कम हैं और इसलिए, कपड़े की कीमत ऊपर जाने की संभावना नहीं है।’’ 
उल्लेखनीय है कि जीएसटी के लागू होने के बाद से ही कपड़ा व्यापारी इसका विरोध कर रहे हैं। जिसके चलते दो सप्ताह के अंतराल में देशभर के कपड़ा व्यापार को अब तक करीब 40 हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है। अकेले गुजरात की बात की जाए तो वहां इस हड़ताल से अब तक 10 हजार करोड़ के नुकसान की आशंका जताई जा रही है। हालांकि सरकार के आश्वासन के बाद सूरत के व्यापारियों ने अपनी दो सप्ताह चली हड़ताल कल वापस ले ली थी। 
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS