नई दिल्ली, (हि.स.)। सरकार ने मंगलवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया है जिनमें कहा गया था कि जीएसटी धार्मिक संस्थानों द्वारा चलाए जा रहे अन्न क्षेत्रों में दिए जा रहे मुफ्त भोजन पर भी लागू होगा। सरकार का कहना है कि यह पूरी तरह से झूठ है। इस तरह के मुफ्त में दिए जाने वाले भोजन पर कोई जीएसटी लागू नहीं होता।
वित्त मंत्रालय ने अपनी विज्ञप्ति में कहा, ‘‘चाहे कैसा भी मामला हो.. धार्मिक स्थल जैसे मंदिरों, मस्जिदों, चर्चों, गुरुद्वारों, दरगाह आदि में दिए जाने वाले प्रसाद पर सीजीएसटी और एसजीएसटी या आईजीएसटी नहीं लागू होता।
इसमें आगे कहा गया है कि जीएसटी एक बहु-स्तरीय टैक्स प्रणाली है| अंत में उपयोग पर आधारित छूट या रियायतें देना और उनको प्रशासित करना मुश्किल है। ऐसा कोई तरीका नहीं है कि प्रसाद बनाने वाली सामग्री को अलग मानकर कर मुक्त किया जा सके। ऐसे में प्रसाद बनाने वाली कुछ सामग्री पर जीएसटी लगेगा।
मंत्रालय का कहना है, ‘‘हालांकि, प्रसाद बनाने के लिए आवश्यक कुछ सामग्री और इनपुट सेवाएं जीएसटी के अधीन होंगी। इनमें चीनी, वनस्पति खाद्य तेल, घी, मक्खन, इन सामानों के परिवहन के लिए सेवा शामिल है। इन इनपुट या इनपुट सेवाओं में से अधिकांश का एक से अधिक कारणों के चलते उपयोग होता है।जीएसटी शासन के तहत, किसी विशिष्ट उद्देश्य के लिए आपूर्ति करते समय चीनी के लिए एक अलग दर की दर निर्धारित करना मुश्किल है। ऐसे में ‘‘धार्मिक संस्थानों द्वारा मुफ्त वितरण के लिए प्रसाद या भोजन बनाने के लिए इनपुट या इनपुट सेवाओं को अंतिम उपयोग पर आधारित छूट प्रदान करना वांछनीय नहीं होगा’’।