नई दिल्ली, (हि.स.)। केन्द्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने उत्पादकों और विक्रेताओं को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि उन्हें नए अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) को पुराने एमआरपी के साथ देना ही होगा।
पासवान ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘जीएसटी के तहत दाम या बढ़े हैं या घटे हैं| इसलिए हमने निर्देश जारी कर कहा है कि नए एमआरपी को प्रिंट करें। इससे दो एमआरपी होंगे- एक पुराने और नए। ऐसा 30 सितंबर तक करने को कहा गया है उसके बाद सिर्फ नए एमआरपी होंगे।’’
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को उपभोक्ता मामलों के विभाग ने जीएसटी लागू होने से पहले के अनबिके स्टॉक पर एमआरपी में 30 सितंबर 2017 तक बदलाव करने की अनुमति दी थी।
एक जुलाई से जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के लागू होने के कारण कुछ ऐसे मामले सामने आ सकते हैं जिनके तहत पहले से पैक वस्तु के खुदरा बिक्री मूल्य में तब्दीली करने की जरूरत पड़ेगी।
इस अलावा उपभोक्ता मंत्रालय उत्पादों के दामों पर भी नजर बनाये रखे हुए है| इसके लिए हेल्पलाइन लाने जा रहा है।
पासवान ने कहा कि अगर उपभोक्ता को लगता है कि एमआरपी नहीं है और दाम बढ़ाये गये हैं तो वह हेल्पलाइन के माध्यम से शिकायत कर सकते हैं। जिसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस संदर्भ में केन्द्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने पहले से पैक वस्तुओं के निर्माताओं अथवा पैकरों या आयातकों को 1 जुलाई से पहले के अनबिके निर्मित, पैक व आयातित स्टॉक के खुदरा बिक्री मूल्य (एमआरपी) में तीन माह तक अर्थात 1 जुलाई से लेकर 30 सितंबर तक बदलाव करने की अनुमति दे दी है।