नई दिल्ली, (हि. स.)। केन्द्रीय विद्युत एवं खान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ने बिजली की खरीद के लिए स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों (आईपीपी) के चयन हेतु राज्यों को ई-बिडिंग सोल्यूशन मुहैया कराने के लिए ई-बिडिंग पोर्टल और मेरिट एप (आय एवं पारदर्शिता के कायाकल्प के लिए बिजली का मेरिट ऑर्डर डिस्पैच) जारी किए हैं। घरेलू कोयले के उपयोग से जुड़ी लचीलापन योजना के तहत इनके घरेलू कोयले के हस्तांतरण के जरिए यह संभव हो पाएगा।
पीयूष गोयल ने कहा, 'इन एप/वेब पोर्टल के जरिए कोयले के इष्टतम उपयोग से अगले पांच वर्षों में उपभोक्ताओं को लगभग 20,000 करोड़ रुपये की बचत होगी।'
गोयल ने कहा कि ये दोनों ही पहल ‘स्पीड, स्किल एवं स्केल’ के जरिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘न्यूनतम सरकार एवं अधिकतम शासन’ के विजन की दिशा में तय की गई हैं।
गोयल ने इस दौरान ई-बिडिंग पोर्टल भी लांच किया, जिसे कुछ इस तरह से तैयार किया गया है जिससे कि राज्यों को पारदर्शी एवं निष्पक्ष ढंग से संभावित आईपीपी से बिजली की खरीद के लिए निविदाएं आमंत्रित करने में सहूलियत हो सके। सफल बोलीदाता का चयन ई-रिवर्स बोली (बिडिंग) प्रक्रिया से किया जाएगा।
गोयल ने कहा कि पारदर्शिता एवं जवाबदेही बढ़ाने और उपभोक्ताओं को अधिकतम लाभ हस्तांतरित करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग ‘काम करने वाली सरकार’ के समग्र दृष्टिकोण को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सरकार पीएम मोदी के ‘नए भारत’ के विजन के अनुरूप किफायती, गुणवत्तापूर्ण एवं 24x7 बिजली तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है।
गोयल ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान भारत ने बिजली की उपलब्धता के मामले में तेजी से पर्याप्तता हासिल की है। अब समय आ गया है कि बेशकीमती एवं दुर्लभ ऊर्जा संसाधनों के इष्टतम उपयोग पर ध्यान केन्द्रित किया जाए, ताकि परिचालन में किफायत एवं दक्षता प्राप्त की जा सके।
उन्होंने कहा कि राज्य/डिस्कॉम टैरिफ नीति, 2016 के तहत बिजली की खरीद के लिए मेरिट ऑर्डर का अनुसरण करेंगी और मेरिट ऑर्डर व्यवस्था में एकरूपता होनी चाहिए।
मेरिट एप के माध्यम से कई फायदे होने की उम्मीद गोयल द्वारा जताई गयी है।