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दिव्यांग उपकरणों पर जीएसटी दरों को लेकर सरकार की सफाई
By Deshwani | Publish Date: 4/7/2017 5:41:40 PMनई दिल्ली, (हि.स.)। सरकार ने मंगलवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के दिव्यांगों से जुड़े उत्पादों पर जीएसटी दरें अधिक होने के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि ज्यादातर उपकरणों पर सबसे कम 5 प्रतिशत की दर से कर लगाया गया है। इसमें ब्रेल लिपि संबंधित कागज, ह्वील चेयर, सुनने की मशीन और कई प्रकार के इम्पलांट शामिल हैं। सरकार का कहना है कि इन उत्पादों को तैयार करने के लिए जिस सामग्री का इस्तेमाल होता है उसमें से ज्यादातर पर कर की दर 18 प्रतिशत है।
ऐसे में अंतिम उत्पाद पर कर की दर कम होने के चलते स्थानीय निर्माता इस पर टैक्स क्रेडिट का लाभ ले सकते हैं। सरकार ने लिस्ट जारी कर उन उत्पादों की जानकारी दी है जिस पर कर की दर पांच प्रतिशत है। इसके पीछे सरकार ने तर्क दिया है कि अगर इन उपकरणों को जीएसटी से छूट दी गई, तो इनका आयात शून्य प्रतिशत ड्यूटी पर होगा। इसका मतलब यह होगा कि घरेलू रूप से निर्मित उपकरणों को इनपुट करों का बोझ उठाना होगा, उनकी लागत में इजाफा होगा।
वित्त मंत्रालय का कहना है कि इस तरह के उपकरणों पर 5 प्रतिशत रियायती जीएसटी दर इस तरह के उपकरणों के उपयोगकर्ताओं, विकलांग व्यक्तियों के साथ-साथ ऐसे सामानों के घरेलू निर्माताओं के लिए सही है। इसी कारण से परिषद ने इन वस्तुओं को 5 प्रतिशत कर दर की स्लैब में रखा है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर समाज के सबसे कमजोर वर्ग दिव्यांगों के प्रति 'असंवेदनशील' होने का आरोप लगाया था। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था, 'ह्वील चेयरों एवं ब्रेल टाइप राइटरों जैसे दिव्यांग उपकरणों पर जीएसटी एक बार फिर यह दिखाता है कि सरकार हमारे सबसे कमजोरों के प्रति पूरी तरह असंवेदनशील है।'