नई दिल्ली, (हि.स.)। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) दिवालियापन के नियमों के तहत प्रस्ताव लाए जाने वाले देनदारों की सूची तैयार करने के बेहद करीब है।
बैंकों से जुड़े मुख्य अधिकारियों की बैठक के बाद जेटली ने एक प्रेसवार्ता में कहा कि सरकार सरकारी बैंकों को मजबूत करने पर काम कर रही है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस बैठक में सार्वजिनक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ फंसे कर्ज के समाधान, बैंकों की वित्तीय स्थिति और वित्तीय समावेशन समीक्षा को लेकर चर्चा की गई।
पिछले महीने 150 अरब डॉलर के संकटग्रस्त बैंक ऋण से निपटने में मदद करने के लिए केंद्र सरकार ने अपने कानूनों में बदलाव किया था। सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) को बैंकों को दिवालियापन संहिता के प्रावधानों के तहत दिवालिया होने के प्रस्ताव की प्रक्रिया शुरू करने के लिए अधिकृत किया था।
जेटली ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारतीय रिजर्व बैंक उन देनदारों की सूची तैयार करने के काफी करीब है जहां एक आईबीसी (दिवाला और दिवालियापन संहिता) प्रक्रिया के माध्यम से एक प्रस्ताव की आवश्यकता होती है और आप जल्द ही इस बारे में सुनेंगे।’’
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एन एस विश्वनाथन ने पिछले हफ्ते कहा था कि केंद्रीय बैंक ने कुछ बड़े संकटग्रस्त खातों पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है और एक आंतरिक सलाहकार पैनल यह निर्धारित करेगा कि इनमें से किन्हें आईबीसी को भेजा जाएगा।
भारत के बैंकों की ज्यादातर ऋण राशी लोह, इस्पात और पावर जैसे क्षेत्र में खपत होती है। ऐसे में संकटग्रस्त बड़े ऋण सरकार के बहुमत वाले 21 देनदारों के पास हैं।
जेटली ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 2016-17 में 1.5 लाख करोड़ रुपये का ठीक-ठाक परिचालन मुनाफा हासिल किया, जबकि विभिन्न प्रावधानों को करने के बाद उनका शुद्ध लाभ 574 करोड़ रुपये रहा है।