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बैंक एनपीए आम ऋणदाताओं के चलते नहीं, कुछ 40-50 लोगों के कारण: जेटली
By Deshwani | Publish Date: 1/6/2017 5:12:13 PM
बैंक एनपीए आम ऋणदाताओं के चलते नहीं, कुछ 40-50 लोगों के कारण: जेटली

 नई दिल्ली, (हिस)। केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने माना कि भारतीय बैंकों के नॉन परफॉर्मिंग एसेस्ट्स (एनपीए) याने डूबते कर्ज की समस्या छोटे कारोबारियों, किसानों या युवाओं के चलते नहीं हुई है, एनपीए के लिए देश के कुछ 40-50 लोग ही जिम्मेदार हैं। जेटली गुरुवार को मोदी सरकार वित्तीय क्षेत्र में 3 साल की उपलब्धियों पर बोल रहे थे। 

 

दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए एक सवाल के जवाब में वित्तमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार की मुद्रा योजना या स्टार्ट-अप योजना एनपीए के लिए कतई जिम्मेदार नहीं है। हमारी सरकार का अनुभव सामान्य सोच से बिलकुल अलग रहा है, हमने पाया कि इन योजनाओं के हितग्राही, जिन्हें छोटे ऋण दिए गए हैं, वो कर्ज चुकाने में ईमानदार पाए गए। ऐसे में छोटे स्तर पर कर्ज लेकर मेहनत करनेवालों को हम एनपीए के लिए दोषी नहीं कह सकते। ये तो पहले की सरकारों के कार्यकाल के दौरान कुछ 40-50 लोगों के चलते हमारी बैंकों को एनपीए की समस्या से जूझना पड़ रहा है। 

 

जेटली ने माना कि मौजूदा परिस्थितियों में बैंकों का एनपीए एक बड़ी समस्या है। इसके लिए उनकी सरकार ने हाल ही में बैंकिंग एक्ट, 1949 में संशोधन को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को और अधिकार दिए हैं, जिससे आरबीआई सरकारी बैंकों के करीब 10 लाख करोड़ रुपये के एनपीए की समस्या से निपट सके। इसके अलावा सरकार इस मुद्दे पर विधेयक लाई है। इतना ही नहीं सरकार ने दिवालिया एवं दिवालियापन बोर्ड को मजबूत किया है, जिससे बड़े लोन डिफाल्डर्स बच ना सकें। 

 
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