नई दिल्ली, (हिस)। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने संयुक्त राष्ट्र आवास विभाग का हवाला देते हुए दो भारतीय शहरों - मुंबई और कोटा - को दुनिया के सबसे भीड़ भरे लोगों में शामिल किया है।
44,500 लोगों की जनसंख्या घनत्व प्रति वर्ग किलोमीटर के साथ बांग्लादेश की राजधानी ढाका धरती पर सबसे भीड़ भरा शहर है। इसके बाद भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई, दूसरे स्थान पर 31,700 प्रति वर्ग किलोमीटर जनसंख्या घनत्व के साथ है। राजस्थान का कोटा शहर 12,100 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर जनसंख्या घनत्व के साथ सातवें स्थान पर है।
सूची में कोलंबिया में मेडेलिन शहर तीसरे स्थान पर 19,700 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर, मनीला, फिलीपींस (4 था, 14,800), कैसाब्लांका, मोरक्को (5 वीं, 14,200), लागोस, नाइजीरिया (6 वें, 13,300), सिंगापुर (8 वां, 10,200) और जकार्ता, इंडोनेशिया (9 वें, 9 6,600)
वर्ल्ड इकॉनामिक फोरम ने कहा कि कई कारण हैं क्योंकि बहुत से लोग शहरी इलाकों में बसने का फैसला करते हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में यह सामान्य तथ्य यह है कि शहर जहां काम है, वहां जनसंख्या घनत्व बढ़ जाता है।
विश्व की आबादी में आधे से अधिक लोग अब शहरी क्षेत्रों में रहते हैं और संयुक्त राष्ट्र (संयुक्त राष्ट्र) को उम्मीद है कि 2050 तक यह अनुपात 66 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा, साथ ही एशिया और अफ्रीका में 9 0 फीसदी वृद्धि केंद्रित है।
अफ्रीका की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती, किबेरा, नैरोबी शहर के केंद्र से सिर्फ 5 किमी दूर है और अपनी गरीबी एवं रेललाइनों से लगी झुग्गियों के चलते कुख्यात है। वहीं मुंबई में एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती कही जानेवाली धारावी में जनसंख्या घनत्व 200,000 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर है।