बिहार
सिधवलिया मिल के प्रबंधन ने ट्रांसपोर्टर पर दर्ज कराई प्राथमिकी, घटतौली का मामला
By Deshwani | Publish Date: 15/12/2017 7:09:37 PM
पीपराकोठी। सौरभ राज पप्पू
मोतिहारी चीनी चीनी मिल बंद हो जाने के कारण एक मात्र नगदी फसल गन्ना की खेती से किसान अपना मुंह मोड़ने लगे हैं. वही दूसरी तरफ कुछ किसान गन्ना की खेती कर भी रहे हैं तो उन्हें बिचौलिया व कांटा संचालकों की मनमानी का शिकार होना पड़ रहा है. मिल द्वारा संचालित कांटा पर कम तौल के कारण किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है . ऐसा ही मामला थाना क्षेत्र के मथुरापुर मठ गोपाल गोपाल गांव में स्थापित भारत सुगर मिल सिधवलिया के कांटा पर देखने को मिला, जहां पर मिल के छापामार दल ने छापा मारकर कांटा संचालक द्वारा गन्ने के वजन में कमतौल को लेकर स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है.भारत सुगर मिल सिधवलिया के उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह, गन्ना प्रबंधक श्रीकांत मिश्रा, डी बी सिंह ने औचक छापेमारी में ट्रांसपोर्टर अरविंद सिंह व कांटा लिपिक विनोद कुमार सिंह की संलिप्तता पकड़ी है . छापेमारी दल ने कांटा पर दो प्रकार के गन्ना तौलने का डीजिलाइटर का प्रयोग करते पाया है. जिसमें गन्ने के वजन में कम करने का मामला सामने आया है . जिसमें टीम ने संचालक को दोषी करार करते हुए स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी है. छापेमारी के दौरान टीम ने डीजीलाइटर संख्या ए के एस 9999 0019 सहित अभिलेख को जब्त कर थाना पुलिस के कर दिया।
गौरतलब हो कि यहां गन्ना की खेती दिन-प्रतिदिन सिमटती जा रही है. करीब दो दशक पूर्व यहां के किसान 80 फीसदी भूमि में किसान गन्ना उत्पादन किया करते थे, परंतु मोतिहारी एवं चकिया चीनी मिल के बंद होने के बाद यहां के किसानों के समक्ष को मिल में भेजने की समस्या बन गई. नतीजतन सुखी- संपन्न किसान जिसके पास संसाधन है, वे ही गन्ने की खेती कर पा रहे हैं. और मध्यमवर्गीय किसान धीरे- धीरे गन्ने की खेती करना कम कर दिये हैं. क्योंकि सड़क ठीक नहीं होने के कारण सुगौली चीनी मिल में गन्ना नहीं भेजते. किसानों को स्थानीय स्तर पर स्थापित कांटा पर गन्ना को बेचना पड़ता है. जहां उन्हें किमत कम तो मिलती ही है उपर से वजन में घटमारी की जाती हैं. या फिर उन्हें बिचौलिया के हाथों गन्ना को बेचना पड़ता है.