छपरा, (हि.स.)। मानव रहित समपार फाटकों पर दुर्घटनाएं अधिकतर रेल पथ पार कर रहे लोगों की लापरवाही से घटती हैं। पूर्वोत्तर रेलवे में भी समपारों पर दुर्घटनाओं को गम्भीरता से लेते हुए मानवरहित समपारों को समाप्त करने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया गया।
01 अप्रैल, 2013 को 1216 ऐसे समपार उपलब्ध थे, वहीं इस रेलवे के विशेष प्रयासों के कारण इसकी संख्या 01 नवम्बर, 2017 को कुल 697 रह गई। मानव रहित समपारों की संख्या में इसी अवधि में कुल 114 की बढ़ोत्तरी हुई, जब कि कुल समपारों की संख्या में इस अवधि में 405 की कमी हुई ।
वर्ष 2007 से 2012 के मध्य अनारक्षित समपारों पर हुई 39 दुर्घटनाओं के विरुद्ध वर्ष 2012-17 के मध्य कुल 21 दुर्घटनाएं घटीं जो 46 प्रतिशत कम हैं। अनारक्षित समपारों को समाप्त करने के साथ-साथ ऐसे शेष समपारों पर दिन के 12 घंटे की पाली में एक-एक गेट मित्र उपलब्ध करवा दिया गया है। दिसम्बर, 2017 के अन्त तक सभी शेष समपारों पर दो-दो गेट मित्र उपलब्ध करा दिए जाएंगे।
इस वर्ष अप्रैल से नवम्बर 2017 में कुल 49 रेल दुर्घटनाएं हुई हैं, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में घटी 85 रेल दुर्घटनाओं से कम हैं। रेल अवपथन दुर्घटनाएं- अप्रैल 2017 से नवम्बर 2017 के कालखण्ड में पिछले वर्ष की 67 परिणामी रेल अवपथन दुर्घटनाओं के विरुद्ध, कुल 37 रेल अवपथन की दुर्घटनाएं हुई हैं। नवम्बर, 2017 में कुल 05 परिणामी रेल अवपथन की दुर्घटनाएं हुई हैं जो नवम्बर, 2016 की 08 के विरुद्ध 37.5 प्रतिशत कम हैं।