बिहार
पाश्चात्य संस्कृति को भले ही आवरण बनाये पर भारतीय संस्कृति को आचरण में लाये : इन्द्रेश कुमार
By Deshwani | Publish Date: 13/12/2017 8:42:32 PMबक्सर, (हि.स.)| हम अपने पुरातन भारतीय संस्कृति को अपनाकर ही पुनः विश्व गुरु बनने की राह पर आगे बढ़ सकते हैं| हम पाश्चात्य संस्कृति के विरोध में नहीं, अगर हम पाश्चात्य संस्कृति को आवरण बना रहे हैं तो हमे भारतीय संस्कृति को निश्चित ही आचरण में उतारना चाहिए | यहाँ हम दावे के साथ कह सकते हैं कि हमारी बृहद भारतीय संस्कृति विश्व की आदि संस्कृति है जो विश्व की सारी संस्कृतियों की जननी है | उक्त बातें आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के सदस्य इन्द्रेश कुमार ने बुधवार को नगर भवन में संघ के स्थानीय पदाधिकारियों समेत कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कही | उन्होंने कहा कि आज ऐसे अनेक पाश्चात्य देश हैं जो भारतीय संस्कृति समेत अध्यात्म को अपना रहे रहे हैं | अगर हमारे बच्चे कान्वेंट में पाश्चात्य संस्कृति पा रहे हैं तो उनको घरो में भारतीय संस्कृति की बातें बतानी चाहिए | राष्ट्र के समक्ष चुनौतियां एवं समाधान विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जो काम पंडित नेहरू युद्ध के बाद भी चीन से हासिल नहीं कर पाए, वह काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संवाद से कर दिखाया, इशारा दोकलाम था | देश में चाहे जिसकी सरकारें हो जनता उनके कथनी और करनी को गौर से देखती है | अंत में उन्होंने कहा कि हमारे सैनिकों के शौर्य और पराक्रम को विश्व मानता है | अब वह दिन दूर नहीं जब हमारे पड़ोसियों को भी यह बात माननी होगी |