- सांसद ने कहा-आईएमए जारी करे लीगल नर्सिंग होम व अस्पतालों की सूची
- नर्सिंग होम वालों ने सुपारी टैक्स का चलन किया शुरू
पटना। देशवाणी न्यूज नेटवर्क
जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय संरक्षक सह सांसद पप्पू यादव ने डॉक्टरों के एसोसिएशन आईएमए से पूछा कि वे बताएं कि मरीज इलाज के लिए कहां जायेंगे और कहां नहीं जायेंगे। पटना में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सांसद ने आईएमए से लीगल नर्सिंग होम और अस्पतालों की सूची जारी करने की मांग की। साथ ही आईएमए अध्यक्ष डॉ सहजानंद का यह दावा कि गरीबों के लिए अलग अस्पताल बना हुआ है, उसकी भी सूची जारी करे। ताकि हम सभी वहीं जाकर अपना इलाज करायें। सांसद ने आईएमए पर फर्जी डॉक्टरों से पैसा खाने का आरोप लगाया और कहा कि आईएमए ने प्रोटेक्शन एक्ट के लिए मुख्यमंत्री से मिलने की बात कही, जबकि उन्हें मेडिकल एक्ट लागू करने की बात करनी चाहिए थी। मेरा मुख्यमंत्री से अपील है कि लुटेरे, फर्जी डॉक्टरों व नर्सिंग होम को संरक्षण देने वाले आईएमए से मुलाकात से पहले वे मेरे साथ उन मरीजों से मुलाकात करें, जो इनके पीडि़त हैं। उन्होंने कहा कि पटना में 1000 से अधिक फर्जी नर्सिंग होम हैं, जिन्हें वे बंद करायें। नहीं तो हमें बंद कराना पड़ेगा।
सांसद ने फर्जी नर्सिंग होम और अस्पतालों पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि फर्जी डॉक्टरों और नर्सिंग होम वालों ने सुपारी टैक्स का चलन शुरू किया है। इसमें ऐसे अस्पतालों के खिलाफ अवाज उठाने वालों के मर्डर के लिए क्रिमिनलों को दो करोड़ और थानों में 3 तीन करोड़ रुपये दिए गए हैं। ऐसे लोगों पर केस दर्ज किया जा सके। ऐसे सुपारी किलर को मैं जल्द मीडिया के सामने लाउंगा। उन्होंने शिवा अस्पताल के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि उस दिन कोई मारपीट नहीं हुई, इसके गवाह मीडिया के कैमरे भी हैं, जो उस दिन घटनास्थल पर मौजूद थे। मगर फर्जीवाड़ा करने वाले शिवा अस्पताल ने कंकड़बाग थाने को पैसे खिलाकर केस दर्ज कराया। इस बाबत हमने आईजी – डीआईजी को भी पत्र लिखा है और इसको स्पीकर और सुप्रीम कोर्ट में भी ले जाउंगा। पटना के इंस्पेक्टर और दारोगा मेडिकल माफिया व एजुकेशन माफिया की दलाली करते हैं, हम उनका दलाली छुड़ा देंगे।
पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री से दिल्ली की तरह बिहार में भी एक्सिडेंटल केस में फ्री इलाज की व्यवस्था लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में गरीबी रेखा से नीचे आने वाले 30 प्रतिशत लोगों के इलाज की व्यवस्था फ्री की जाये। इससे पहले उन्होंने पारस हॉस्पीटल, सरनम हॉस्पीटल, शिवा हॉस्पीटल आदि के कारनामों को उजागर किया। वहीं, सांसद ने बिहार में बढ़ते अपराध पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कटघरे में खड़ा किया और कहा कि बिहार में बेखौफ अपराधी ने सरेआम एक इंजीनियर वीर मणि की हत्या कर दी। आज उनकी पत्नी को होश नहीं है, जो वीमेंस कॉलेज में पढ़ती है। उन्होंने लालू प्रसाद से कहा कि वे कब तक गुंडे और अपराधी यादवों का साथ देंगे। संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मंत्री अखलाक अहमद, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुपति प्रसाद सिंह, महासचिव राघवेंद्र कुशवाहा, प्रेमचंद सिंह, राजेश रंजन पप्पू, राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज अहमद, चिकित्सा सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ विश्वनाथ प्रसाद और अभियान समिति के प्रदेश अध्यक्ष आनंद मधुकर यादव मौजूद थे।
उदयन हॉस्पीटल के मालिक अजय आलोक से मिले
सांसद पप्पू यादव ने आज उदयन हॉस्पीटल के मालिक डॉ अजय आलोक के विशेष आग्रह पर उनसे मुलाकात की और उनके अस्पताल में भर्ती मरीज राधिका देवी को 25,000 रुपये की आर्थिक मदद की। डॉ अजय आलोक जदयू के प्रवक्ता भी हैं। सांसद के डॉ अजय आलोक से बातचीत के क्रम में ये बात सामने आई कि उदयन हॉस्पीटल के पास न तो पॉल्यूशन सर्टिफिकेट है और न डस्टबिन सर्टिफिकेट। इस पर उन्होंने अजय आलोक से आग्रह की कि वे जब तक सर्टिफिकेट न बनवा लें, तब तक वे एक अच्छे आदमी की तरह अस्पताल बंद कर दें।
सांसद ने पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के सवाल पर भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी को भी घेरा और कहा कि सुशील मोदी ने पर्यावरण के इश्यू पर लालू यादव के मॉल पर तो रोक लगा दी, मगर बिना पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के चल रहे ऐसे संस्थानों पर वे क्यों नहीं बोलते हैं। गौरतलब है कि पिछले दिनों जदयू प्रवक्ता के हॉस्पीटल में भर्ती राधिका देवी को लेकर पिछले दो दिनों से पप्पू यादव और अजय आलोक के बीच तीखा वार चल रहा था। बात अजय आलोक के ‘बिहार बंद’ से जुड़े ट्वीट से शुरु हुई थी। अपने पहले ट्वीट के बाद से ही अजय आलोक जवाब वाले ट्वीट में पप्पू यादव को ‘भैया’ कह संबोधित करने लगे थे। उन्होंने पप्पू से अस्पताल आकर राधिका देवी को देखने और मदद करने की अपील भी की थी।
आज हॉस्पीटल पहुंचे पप्पू यादव ने मरीज की आर्थिक मदद तो की है, साथ ही ये भी कहा कि एक सत्तारूढ़ दल के प्रतिनिधि होने के नाते अजय आलोक को मरीज की इलाज फ्री में भी करा देनी थी। लेकिन उन्होंने मदद के लिए मुझे याद किया। इससे पता चलता है कि सरकार आम जनता के लिए कितनी तत्पर है। उन्होंने हॉस्पीटल की सुरक्षा में बाउंसर पर भी सवाल खड़े किये और कहा कि वे दस बाउंसर को हॉस्पीटल के गेट पर खड़ा कर सकते हैं, मगर एक जरूरतमंद गरीब की मदद नहीं कर सकते हैं।