पटना, (हि स )- किसी व्यक्ति का यदि एक लाख 80 हजार रुपये सड़क पर गिर जाये तो क्या कोई यह उम्मीद कर सकता है कि वह पैसा उसे मिल जायेगा। सबका जवाब ' ना ' ही होगा लेकिन जिस धरती पर ईमानदारी होगी वहां यह संभव हो सकता है।
ऐसा ही कुछ मंगलवार को बिहार की राजधानी पटना में हुआ एक निजी कम्पनी के कर्मचारी दीपक के साथ । बैंक से करीब एक लाख 80 हजार रुपये निकालकर दीपक जब अपने घर पहुंचा तो जैकेट के अंदर की जेब में रखा पैसा नहीं देखकर उसके होश उड़ गये।
दीपक ने बताया कि उनका पैसा बैंक और सड़क पर लगी गाड़ी तक के बीच के रास्ते में ही कहीं गिर गया था। पैसा शायद बैंक परिसर में ही गिर गया हो, यह सोच कर जब दीपक ने बैंक में फोन किया तब पता चला कि पैसा बैंक में नहीं गिरा है। वे बदहवास पैसा खोजने के लिए बैंक से लेकर जहां उनकी गाड़ी खड़ी थी वहां तक दौड़ते रहा और हर किसी से पूछते रहे कि किसी को पैसा मिला है। सभी का जवाब था ' नहीं ' l रुपये मिलने की उम्मीद छोड़ चुके दीपक को एक युवक ने दिलासा दिया कि घबराइये नहीं शांत हो जाएं , रुपये मिल जायेंगे क्योंकि रुपये बिल्डिंग के गार्ड सुरेश भगत को मिले हैं और वह उन्हीं के पास है।
दीपक ने बताया कि थोड़ी ही देर बाद गार्ड सुरेश भगत ने आ कर बताया कि उन्हें पैसे गाड़ी के पास मिले थे लेकिन वहां पर तीन लोग थे और वह पैसा किसका है वह यह नहीं जानते थे। गार्ड ने सोचा बेहतर यह था कि जिसका भी रुपया होगा वह उसे ढूंढता हुआ खुद आयेगा तब उसे रुपये दे दिए जाएंगे। गार्ड ने बताया कि रुपये को उन्होंने गिना तक नहीं है और उसे वैसे ही रखा है। जो रुपये उनके थे ही नहीं उसे गिनने की भी क्या जरूरत।
गार्ड भगत ने दीपक को रुपये की गड्डी दे दी और गईं लेने को कहा। इस पर दीपक ने गार्ड से कहा, ‘आप मुझे शर्मिंदा न करें जो व्यक्ति पूरे रुपये दे रहा है वह कुछ रुपये कभी नहीं निकाल सकता। आप इसमें से जितने रुपये चाहे ले लें।’
दीपक ने बताया कि बड़े दिल वाले भगत ने रुपये लेने से साफ मना कर दिया। वहां मौजूद बैंक कर्मचारियों ने खुशी से दिये जा रहे पैसे स्वीकार कर लेने का आग्रह किया जिसके बाद दीपक की ओर से दिये कुछ रुपये उन्होंने स्वीकार कर लिया।