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बिहार
हाइटेक तरीके से की जा रही है शराब की तस्करी
By Deshwani | Publish Date: 7/12/2017 12:04:21 PM
हाइटेक तरीके से की जा रही है शराब की तस्करी

छपरा, (हि.स.)। पुलिस को चकमा देने व बचने के लिए तस्कर हाइटेक तरीके से शराब की तस्करी कर रहे हैं। तरीका भी ऐसा अपना रहे हैं जिसकी आशा पुलिस को नहीं थी। इसका खुलासा सारण पुलिस ने की है। शराब की बरामदगी तथा शराब कारोबारियों की गिरफ्तारी लगातार हो रही है लेकिन पहली बार शराब तस्करों के ऐसे रैकेट का खुलासा हुआ है जो पुलिस से बचने के लिए आधुनिक इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस खुलासे से पुलिस भी दंग रह गई। बिहार में शराब बंदी कानून लागू होने के बाद से दूसरे राज्यों से बड़े पैमाने पर शराब लाने वाले तस्कर सक्रिय हैं और इसे रोकने के लिए पुलिस भी लगातार काम कर रही है। खासकर बिहार व उत्तर प्रदेश की सीमा पर पुलिस लगातार चौकसी बरत रही है और लगातार शराब के साथ कारोबारी पकड़े भी जा रहें हैं ।
मंगलवार की रात में पुलिस ने शराब से लदे एक कंटेनर को जब्त की। शराब के साथ कंटेनर की जब्ती को सामान्य कार्रवाई मान रही थी लेकिन जब कंटेनर के चालक को शराब कारोबारियों का कॉल आया तो, पुलिस आश्चर्य में पड़ गई कि शराब कारोबारियों को यह कैसे पता चल गया कि कंटेनर को रोक दिया गया है। जब पुलिस ने कंटेनर का मुआयना किया तो दंग रह गयी। कंटेनर में जीपीएस सिस्टम लगा था जिससे शराब कारोबारी कंटेनर की मॉनिटरिंग कर रहे थे। कंटेनर को पुलिस ने जब पकड़ लिया तो, कारोबारियों को जीपीएस के माध्यम से यह पता चल गया कि कंटेनर को पुलिस ने पकड़ लिया है। फिर भी पुलिस ने चालक के सहारे शराब कारोबारियों को गिरफ्तार करने के लिए जाल बुनी। चालक जब हरियाणा से शराब लेकर चला तो उसे बताया गया कि शराब की डिलीवरी पटना में देनी है और जब पुलिस ने कंटेनर को चालक समेत पकड़ लिया और शराब कारोबारियों को पकड़ने के लिए कंटेनर के ले गई तो, कारोबारियों ने चालक को कंटेनर लेकर मुजफ्फरपुर आने को कहा। कंटेनर को लेकर चालक मुजफ्फरपुर गया। साथ में पुलिस भी गई, लेकिन कोई भी शराब कारोबारी सामने नहीं आया।
शराब की डिलीवरी देने के बहाने कारोबारियों को पकड़ने के लिए गई पुलिस को खाली हाथ वापस लौटने को विवश होना पड़ा । इस घटना से एक और बात सामने आई है कि पुलिस से अधिक शराब कारोबारी आधुनिक उपकरणों, संसाधनों से लैस हैं और पुलिस को चकमा देने के लिए इसका व्यापक स्तर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। शराब कारोबारियों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस भी आधुनिक इंफार्मेशन टेक्नालॉजी का इस्तेमाल नहीं कर रही है जितना शराब कारोबारी अपने धंधे को सुरक्षित करने, खुद की अपनी सुरक्षा के लिए कर रहे हैं।
इसके अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण तथ्य खुलकर सामने आए हैं जिसकी गहन विवेचना पुलिस कर रही है। पुलिस अधीक्षक हरकिशोर राय ने बताया कि मंगलवार की रात में बिहार व यूपी की सीमा पर शराब से लदे एक कंटेनर को जब्त किया गया। यह पहला मौका है कि शराब की ढुलाई करने वाले कंटेनर में जीपीएस सिस्टम लगा था। इतना ही नहीं, उसमें तहखाना बना हुआ था जिसके अंदर करीब 285 कार्टून विदेशी शराब रखा हुआ था। पुलिस ने कंटेनर को जब पकड़ कर जांच की तो, उसमें कुछ नहीं मिल लेकिन जब गहन जांच की तो, उसमें तहखाना बना हुआ पाया गया जिसमें शराब छिपा कर रखा गया था। इतना ही नही, उसमें जीपीएस सिस्टम लगा था जिससे शराब कारोबारी कंटेनर के लोकेशन की मानिटरिंग कर रहे थे। उन्होंने बताया कि गलत व गैर कानूनी धंधे के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने के पीछे शातिर ब्रेन काम कर रहा है। पुलिस भी इन पहलूओ की जांच कर रही है और आवश्यक कदम उठाया जा रहा है ।
सीडीआर खंगाल रही है पुलिस
कंटेनर के चालक के पास से जब्त मोबाइल का काल डिटेल्स पुलिस खंगाल रही है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि चालक के मोबाइल कॉल डिटेल्स निकाला जा रहा है और उसकी जांच की जा रही है। जिससे शराब के कारोबार में संलिप्त कारोबारियों की गिरफ्तारी होने की संभावना है। पुलिस को ऐसी आशंका है कि सारण जिले के अलावा उत्तर बिहार के कई जिलों में सक्रिय शराब कारोबारियों का संगठित नेटवर्क है जो एक दूसरे से आपस में जुड़ा है और इनके द्वारा हरियाणा से शराब मंगाया जा रहा है। शराब कारोबारी एक साथ एक स्थान पर काफी मात्रा में शराब नहीं उतार रहे हैं। एक कंटेनर से लाए गए शराब को कई स्थानों पर भेज दिया जाता है। ऐसा पुलिस से बचने के लिए तस्कर कर रहे हैं।
हरियाणा बना सबसे बड़ा सप्लायर
बिहार को शराब सप्लाइ करने में हरियाणा सबसे पहले स्थान पर है। अब तक सबसे ज्यादा हरियाणा का बना हुआ शराब बरामद किया गया है। बरामद अधिकांश शराब नकली पाया गया है। इसका खुलासा पुलिस ने जांच में की है। बरामद शराब के बैच नंबर, सप्लाइ करने वाली इकाई में सत्यापन के लिए जब पुलिस पहुंची तो, पता चला कि उस बैच नंबर का कोई भी प्रोडक्ट निकला ही नहीं है । शराब की तस्करी बढ़ने के कारण कंटेनरों की उपयोगिता काफी बढ़ गई है और तहखाना वाले, जीपीएस सिस्टम लगे कंटेनरो का किराया काफी अधिक है। अकेले कंटेनर चालकों को पचास हजार रुपये की मजदूरी शराब कारोबारी दे रहे हैं ।



 

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