पटना, (हि.स.)। जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में महिलाओं के पक्ष में हुए कामकाज महिला सशक्तिकरण का 'मंत्र ' कहे जाने योग्य और पूरे देश के लिए अनुकरणीय हैं। लगभग हर जाति, धर्म में हाशिए पर स्थित महिलाओं को बिहार में शहरी और पंचायतीराज संस्थाओं में देशभर में पहली बार 50 फीसदी आरक्षण देकर मुख्यमंत्री ने समाज और राजनीति की मुख्यधारा से जोड़ दिया।
प्रसाद ने मंगलवार को यहा बयान जारी कर कहा है कि आज बिहार की महिलाएं आगे बढ़कर और पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर सामाजिक और स्थानीय राजनीतिक मसलों में निर्णायक भूमिका निभा रही हैं। सही स्थान और उचित सम्मान देकर बिहार की महिलाओं की स्थिति में आमूलचूल परिवर्तन लाने के लिए नीतीश जी ने सभी जरूरी उपाय किए हैं। बिहार तरक्की की राह पर अग्रसर है और उसके साथ बिहार की महिलाएं भी तरक्की कर रही हैं।
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि स्कूलों में लड़कियों की उपस्थिति बढाने के लिए साधारण-सी साइकिल प्रोत्साहन योजना से शुरुआत करके छात्रवृत्ति, पोशाक, प्रोत्साहन राशि, कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय और अब पीजी तक लड़कियों की निःशुल्क शिक्षा, ऐसे उपाय रहे जिनसे नीतीश जी के बिहार में लड़कियां शिक्षा क्षेत्र में लड़कों से भी आगे बढ़कर नाम कमाने लगी हैं। इन उपायों से उनकी जड़ मजबूत हुई है।
उन्होंने कहा कि कई ठेकों में आरक्षण समेत स्कूली शिक्षकों के नियोजन में 50 फीसदी और सभी सरकारी नौकरियों में 35 फीसदी महिलाओं को आरक्षण देकर मुख्यमंत्री ने उनका आर्थिक आधार मजबूत किया है। महिलाओं के नाम की संपत्ति के निबंधन में कर राहत से बिहार में सर्वाधिक प्रतिशत महिलाएं संपत्तिवान हैं। नीतीश राज में आंगनबाड़ी, आशा व ममता कार्यकर्ता महिलाएं, जीविका दीदियां तथा लाखों एसएचजी से जुड़ी महिलाएं समाज के कल्याण और विकास कार्य के साथ खुद भी तरक्की कर रही हैं।