बिहार
मिट्टी तेल के आवंटन में कटौती : 3842 अंत्योदय परिवारों के घरों में नहीं जलेंगे चिराग
By Deshwani | Publish Date: 5/12/2017 8:25:20 PMमोतिहारी, (हि.स.)| पूर्वी चम्पारण के कोटवा में सरकार द्वारा भारी मात्रा में मिट्टी तेल के आवंटन में कटौती किये जाने के बाद उपभोक्ताओं में हाहाकार मचा है। जनवितरण दुकानदारों द्वारा मिट्टी तेल से वंचित किये जाने के बाद उपभोक्ता प्रखंड कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। हालांकि इस मामले में कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गत नवम्बर माह में मिट्टी तेल का कम आवंटन प्राप्त होने के कारण हजारों परिवारों को अपने घरों को रौशन करने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है।
गौरतलब है कि प्रखंड में कुल 34653 परिवार है, जिसमें 3842 अंत्योदय कार्ड धारक है। वही 27149 पारिवारिक गृहस्थी कार्ड धारक है। शेष परिवार या तो साधन संपन्न हैं या असहाय। ऐसे में सरकार का यह फैसला गरीबों को अँधेरे में धकेल रहा है। प्रखंड को सरकार के इस फैसले के पूर्व अक्टूबर माह में 69306 लीटर किरोसिन का आवंटन हुआ था। परंतु नवम्बर माह में सिर्फ 54298 लीटर का आवंटन हुआ। 15 हजार 8 लीटर मिट्टी तेल की कटौती की जद में वैसे गरीब आ गए हैं जो अंत्योदय कार्ड धारक हैं। इस मामले में पदाधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। जिला आपूर्ति पदाधिकारी राजकुमार प्रसाद ने इसे सरकार का निर्णय बताया। वही सदर अनुमंडल पदाधिकारी रजनीश लाल ने कहा की राज्य का फैसला है। किरोसिन तेल सिर्फ पीएचएच कार्ड धारको को ही आपूर्ति की जायेगी।
प्रखंड कार्यालय परिसर में नए राशन कार्ड बनवाने, सुधार कराने एव नाम जोड़ने को लेकर आवेदकों की लगातार भीड़ बढ़ती जा रही है। लोग सुबह से ही काउंटर पर अपनी बारी पहले हो इसके लिए लाइन लग रहे हैं। ऐसे में गलत शपथ पत्र या फर्जी शपथ पत्र लगे आवेदन रद्द होने का आदेश गरीब और बिना पढ़े लिखे आवेदको पर भारी पड़ सकता है। भीड़ को देखते हुए शपथ पत्र बेचने वालों की भी चांदी कट रही है। राशन कार्ड बनाने के लिए 11 विन्दुओं पर शपथ करना है जबकि अधिकतर आवेदन में लगे शपथ पत्र या तो अधूरे हैं या गलत।
बीडीओ मो सज्जाद ने बताया कि प्राप्त आवेदन पत्रों की जाँच की जा रही है। इस दौरान अधिकतर शपथ पत्र अधूरे हैं। ऐसे अधूरे आवेदन पत्रों को जांचोपरांत गलत पाये जाने पर रद्द कर दिया जायेगा। नोटरी पब्लिक या दण्डाधिकारी से स्वयं उपस्थित हो कर किया गया शपथ पत्र ही मान्य होगा।