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बिहार
अपराधियों के निशाने पर हैं बिहार के महादलित : अनिल
By Deshwani | Publish Date: 4/12/2017 7:18:19 PM
अपराधियों के निशाने पर हैं बिहार के महादलित  : अनिल

-झंडापुर तिहरे हत्याकांड के खिलाफ जनतांत्रिक पार्टी का धरना

पटना। देशवाणी न्यूज नेटवर्क


बिहार में आज कोई सुरक्षित नहीं है। खासकर महादलित और दलितों की स्थिति तो और भी खराब है। सरकार व प्रशासन पूरी तर‍ह से अपराधियों के चंगुल में चली गई है। राज्‍य में प्रशासन पर अपराधी हावी है। रोज दलितों की हत्‍या की जा रही है, मगर दलित उत्‍थान का नाम लेकर सत्ता में रहने वाले को इसकी कोई परवाह नहीं है। उक्‍त बातें आज जनतांत्रिक पार्टी द्वारा पटना के गर्दनीबाग में झंडापुर तिहरे हत्‍याकांड के खिलाफ (नवगछिया, भागलपुर) आयोजित एकदिवसीय धरने के दौरान पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अनिल कुमार ने कही। धरना में बच्‍ची बिंदी की मौसी सजनी देवी और कुसावती देवी के साथ उन्‍होंने इस पूरे घटना की जांच सीबीआई से कराने की मांग भी की। इसके अलावा उन्‍होंने मृत‍क को 25 लाख रुपये का मुआवजा और 12 साल की मासूम बिंदी कुमारी की सरकारी खर्चे पर समुचित इलाज की मांग की।
श्री कुमार ने राज्‍य सरकार को दलित विरोधी बताते हुए कहा कि राज्‍य में लगातार दलितों - महादलितों की हत्‍या हो रही है। नीतीश कुमार दलितों के हितैषी बने फिरते हैं, लेकिन अपराधियों के निशाने पर दलित ही हैं। पिछले दिनों मोकामा में भी एक दलित परिवार की महिलाओं के साथ उनके घर में घुस कर दुष्कर्म का मामला सामने आया था। लेकिन दोनों मामलों में आज तक अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। जो इस बात का सबूत है कि एक बार फिर से बिहार पूरी तरह अपराधियों के चंगुल में है। आज जो स्थिति राज्‍य में बनी है, वह जंगलराज से भी भयावह है। उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री के कानून के राज पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये कैसी सुशासन की सरकार है, जिसमें अपराधी बिना किसी डर के एक ही परिवार के तीन सदस्‍यों की निर्मम हत्‍या कर देते हैं और पुलिस मूक दर्शक बनी रहती है? हकी‍कत तो ये है सरकार सोई हुई। वे सिर्फ अपनी व्‍यवस्‍था में लगी रहती है। कहते हैं कि जल्‍द गिरफ्तारी होगी, लेकिन क्‍या कानून का राज सिर्फ गिरफ्तारी तक समिति रहेगा या फिर अपराधियों में भय पैदा करेगा?
श्री कुमार ने एनसीआरबी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि आज क्राइम के मामले में देशभर में बिहार का स्‍थान यूपी के बाद दूसरा है। जो सरकार के कानून के राज के दावे पर सवाल खड़े करती है। साथ ही हाल ही में बढते अपराध की घटनाओं के बीच पटना सेंट्रल रेंज के डीआईजी राजेश कुमार  पटना जिले के 70 थानेदारों का वेतन रोक दिया और 10 डीएसपी को शोकॉज नोटिस भी जारी किया। उनका कहना था कि इन थानेदारों ने कई मामलों को नजरअंदाज किया। जब ये हाल राजधानी पटना का है,तब आसानी से समझा जा सकता है कि राज्‍य के अन्‍य हिस्‍सों का क्‍या हाल होगा। धरना में अनिल कुमार के साथ संजय मंडल, डॉ स्मिता शर्मा, सुनील सिंह, रंजीत, प्रकाश राज, विजय पासवान, सुखदेव यादव, प्रशांत प्रियदर्शी, रविंद्र चरण मंडल, अजय चौबे, विकास पटेल, चक्रवर्ती चौधरी, लाल बहादुर महतो, अरविंद पटेल, प्रेम प्रकाश, अम्बुज सिंह, कैलाश पासवान, प्रमोद कुमार निराला समेत बड़ी संख्‍या में पार्टी कार्यकर्ता और अन्‍य लोग भी शामिल हुए।

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