बिहार
हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला का समापन
By Deshwani | Publish Date: 4/12/2017 12:20:29 PMछपरा, (हि.स.)। 32 दिवसीय हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला का सरकारी स्तर पर रविवार को विधिवत समापन हो गया। मेले मे इस वर्ष लगभग 50 लाख से 52 लाख लोगो का आवागमन हुआ। वहीं दूसरी ओर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा और गंडक तट पर लगभग 15 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई। धर्म-कर्म, अर्थ-व्यापार, कला- संस्कृति व मनोरंजन के विविध आयामों को समेटे विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला को इस वर्ष कई मायने में याद रखा जाएगा। पशुओ की गिरती संख्या और विलुप्ति को लेकर इसके पहले भी कई बार गंभीर चर्चाएं हुई हैं।
इस वर्ष तो हद ही हो गई कि इस मेले के मुख्य आकर्षण माने जाने वाले हाथियों के आगमन पर कानूनी बंदीशे लगा दी गई। कहते है कि इस पावन भूमि पर हुई गजग्राह युद्ध के बाद से ही धार्मिक मान्यता के आधार पर हाथी पालक अपने हाथियों को लेकर यहां आ रहे हैं। खरीद बिक्री रोक तक तो सब कुछ ठीक-ठाक था। उपहार स्वरूप यहां हाथी के लेन-देन पर भी रोक लगाए जाने तक जायज ठहराया जा सकता है। इस मेले में अगर कोई हाथी पालक प्रदर्शन के उद्देश्य से अपना हाथी लेकर आ रहा है, तो इसमे कहां कानून का अहित हो रहा है। यह लोगों के समझ से परे है। मेला प्रेमियों का मानना है कि हाथियो के आगमन पर रोक का इस मेले के ऐतिहासिक महत्व पर भी प्रभाव पड़ेगा।
सदा सुर्खियों मे रहने वाला यह सांस्कृतिक कार्यक्रम कला प्रेमियों पर कोई छाप नही छोड़ सका। इस बार मेले की साफ-सफाई की अव्यवस्था को भी अगले कई वर्षो तक याद किया जाएगा। मेले से मिट रही परंपरा व विलुप्त हो रहे आयोजनों की सूची इस वर्ष भी कुछ लंबी हो गई। प्रशासनिक अधिकारियों ने भी मेला से जुड़े आयोजन को कानूनी दांव-पेंच व सरकारी आदेशों में उलझा कर रखा।