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मेधा के प्रतीक थे देशरत्न डॉ राजेन्द्र बाबू : मुख्यमंत्री नीतीश
By Deshwani | Publish Date: 3/12/2017 8:33:22 PM
मेधा के प्रतीक थे देशरत्न डॉ राजेन्द्र बाबू : मुख्यमंत्री नीतीश

पटना, (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मेधा दिवस समारोह में रविवार को यहां देशरत्न डॉ राजेन्द्र बाबू की जीवनी पर चर्चा करते हुए कहा कि डॉ राजेन्द्र प्रसाद ऐसे मेधावी छात्र थे कि सौ साल पहले जब वह छात्र हुआ करते थे तो उनके परीक्षक ने उनके बारे में टिप्पणी की थी कि एक्जामिनी इज बेटर दैन एक्जामिनर। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग भी बचपन में जब पढ़ते थे तो उनकी प्रतिभा के बारे में काफी कुछ बताया जाता था। वास्तव में वे मेधा के प्रतीक थे। इसलिए जो पढ़ेगा वही आगे बढ़ेगा। 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में देशरत्न डॉ राजेन्द्र बाबू के लिए देशरत्न की उपाधि दी गयी थी। संविधान निर्माण के लिए बनाई गई संविधान सभा के वह अध्यक्ष थे। जिसे 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया। उस समय अंतरिम तौर पर वे राष्ट्रपति बने थे। 

 

उन्होंने कहा कि वर्ष 1952 एवं 1957 में पुनः राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे। राष्ट्रपति पद से हटने के बाद वे दिल्ली में नहीं रहे जबकि पूर्व राष्ट्रपति के रूप में उनके रहने का इंतजाम वहां हो सकता था और वापस पटना आकर उसी आश्रम में रहने लगे जिसमे वे पहले रहा करते थे। वैसा अद्भुत व्यक्तित्व तो आज के युग में कल्पना भी नहीं किया जा सकता है। उनका जीवन कितना सादगी पूर्ण था। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि चंपारण सत्याग्रह का शताब्दी वर्ष हमलोग मना रहे हैं। बापू जब पटना आये थे तो राजेन्द्र बाबू यहां नहीं थे वे कलकत्ता से पुरी चले गए थे। बाद में गांधी जी चम्पारण गए। गांधी जी किसानों की व्यथा बड़ा ध्यान से सुनते थे और उसको उस समय के नामी वकील लोग दर्ज करते थे। राजेन्द्र बाबू भी उस समय से आजादी की लड़ाई तक बापू के साथ हमेशा रहे और देश की आजादी के बाद देश के प्रथम राष्ट्रपति बने। इसलिए मेधा दिवस उनकी जयंती पर मनाना बिल्कुल उपयुक्त है। 

उन्होंने कहा कि केंद्र से आग्रह करूंगा कि इसे पूरे देश में मनाया जाए। हमलोग अपने राज्य में इसके माध्यम से मेधा को बढ़ाना चाहते हैं और उसे गति देना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद साहब की जन्मतिथि 11 नवम्बर को बिहार में शिक्षा दिवस के रूप में हमलोग मनाते हैं और 5 सितम्बर को डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में पूरा देश मनाता है। अब 3 दिसम्बर को राजेन्द्र बाबू के जन्मदिवस के अवसर पर इसे बिहार में हमलोग मेधा दिवस के रूप में मनाना प्रारम्भ किया है। 

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