बिहार
सारण से गायब हो रहे साइबेरियन पक्षी, वन विभाग उदासीन
By Deshwani | Publish Date: 30/11/2017 1:40:30 PMछपरा, (हि.स.)। ठंड के समय हर साल साइबेरियन पक्षी सारण जिले में आते हैं। जिले के गंडक, सरयू तथा गंगा नदियों के तटवर्ती दियारा क्षेत्र में प्रवासी साइबेरियन पक्षियों की मौत सन्देहास्पद स्थिति में हो रही है। इस मामले में वन विभाग के अधिकारी लापरवाह तथा उदासीन बने हुए हैं। पानापुर प्रखंड के भगवानपुर गांव के सामने दियारा क्षेत्र में संदेहास्पद स्थिति में करीब 30-35 प्रवासी पक्षियों की मौत हो गई। आशंका है कि खेत में लगे फसलों पर किये गये कीटनाशक दवाओं के कारण इतनी संख्या में साइबेरियन पक्षियों की मौत हुई है। गुरुवार की सुबह खेत में गये किसानों व मजदूरों ने एक साथ बड़ी संख्या में साइबेरियन पक्षियों को मृत अवस्था में पाया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना स्थानीय पुलिस व वन विभाग के अधिकारियों को दी। पुलिस व वन विभाग के अधिकारियों ने दियारा क्षेत्र में जाकर इसकी जांच की।
वन विभाग के अधिकारियों व पुलिस का कहना है कि दियारा क्षेत्र में गेहूं व परवल, तरबूज आदि की फसलों पर किसानों के द्वारा कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया गया है और उन फसलों के फल-फूल खाने से पक्षियों की मौत होने की आशंका है।
वन प्रमंडलीय लखेन्द्र पंडित ने बताया कि मृत पक्षियों के शवों को जांच के लिए पटना भेजा जा रहा है, जिससे मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा। रिपोर्ट आने के बाद ही असलियत का पता चल सकेगा। सारण जिले में साइबेरियन पक्षियों की मौत की यह कोई नयी घटना नहीं है। इसके पहले जिले के मांझी थाना क्षेत्र के डुमाईगढ़ घाट दियारा क्षेत्र में साइबेरियन पक्षियों की मौत होने की घटना हो चुकी है। इसी तरह नयागांव थाना क्षेत्र के भी गंगा नदी के तटवर्ती दियारा क्षेत्र में एक सप्ताह पहले इस तरह की घटना हो चुकी है। वैसे भी इस जिले में साइबेरियन पक्षियों की आवक दिनों-दिन लगातार कम होती जा रही है और इनकी चहचाहट , कलरव से गुंजायमान होने वाले गांव के पीपल के पेड़ व बाग-बगीचे वीरान व सुनसान होते जा रहे हैं। खास कर गंगा, सरयू तथा गंडक नदियों का तटवर्ती दियारा क्षेत्र व नजदीक के शहर बाजार का इलाकों में साइबेरियन पक्षियों की कलरव बच्चों व आमजनों के आकर्षण का केंद्र बनी रहती है। नदियों की तटवर्ती इलाकों की प्राकृतिक सुंदरता व सौम्यता को विशिष्ट बनाती हैं लेकिन अब यह दुर्लभ होने के कगार पर हैं।