पटना, (हि.स)। बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) इंटर स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा प्रश्नपत्र लीक कांड में अभियुक्त बनाये गये एवीएन स्कूल के संरक्षक की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने निचली अदालत से केस डायरी की मांग की है।
जस्टिस आशुतोष कुमार की एकलपीठ ने रामाशीष सिंह यादव एवं अन्य की ओर से दायर नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए केस डायरी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) के इंटर-स्तरीय परीक्षाओं के प्रश्नपत्र और उत्तर लीक मामले प्रकाश में आने के बाद गठित एसआईटी ने मामले का खुलासा करते हुए बताया था कि पटना के राजीव नगर स्थित एवीएन स्कूल के परीक्षा केंद्र से दूसरे चरण का प्रश्नपत्र लीक हुआ था।
इस बारे में यह भी बताया गया था कि इस स्कूल के केंद्राधीक्षक रामशुमेर सिंह ने प्रश्नपत्र को वाट्सएप के माध्यम से गिरफ्तार पवन कुमार को भेजा, जो कि वायरल हो गया। इस सिलसिले में एसआइटी ने कई लोगों को गिरफ्तार किया1
पुलिस ने मामल में रामशुमेर समेत स्कूल के संरक्षक रामाशीष सिंह, बेउर स्थित रैंडम कोचिंग क्लासेस के मालिक रामेश्वर कुमार, बिहटा स्थित वर्मा आइटीआइ कॉलेज के मालिक नितिन कुमार उर्फ सनोज, पटना जंक्शन के लोको पायलट आलोक रंजन और बीएसएससी की परीक्षा के अभ्यर्थी सह दलाल कौशल किशोर सहित छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया था । उनके पास से कई मोबाइल मिले, जिसमें प्रश्नपत्रों के फोटो हैं। इसके अलावा परीक्षा से जुड़े अहम दस्तावेज, अभ्यर्थियों के मूल शैक्षणिक प्रमाणपत्र आदि बरामद किए गए थे। पुलिस द्वारा की गयी छापेमारी में कई संदिग्ध दस्तावेज भी मिले थे।
मामले के अभियुक्त बनाये गये पवन कुमार, विपिन कुमार और नवनीत कुमार ब्लूटूथ के माध्यम से अभ्यर्थियों को नकल कराने वाले गिरोह के गुर्गे हैं और चार फरवरी को दूसरे चरण की परीक्षा से पहले अगमकुआं से गिरफ्तार किए गए थे। उनसे पूछा गया कि वो जिन अभ्यर्थियों को ब्लूटूथ देकर भेजने वाला था, उन्हें बिना प्रश्नपत्र देखे उत्तर कैसे बताता? तब उसने खुलासा किया था कि एवीएन स्कूल का केंद्राधीक्षक रामशुमेर सिंह उसे वाट्सएप पर प्रश्नपत्र भेजने वाला था। पुलिस ने उसके मोबाइल की छानबीन की तो परीक्षा से एक घंटे पहले रामशुमेर ने प्रश्नपत्र भेज दिए थे। उसके बाद रामशुमेर को पकड़ा गया।
एवीएन स्कूल में बीएसएससी का परीक्षा केंद्र था। जांच के क्रम में इस बात का खुलासा हुआ था कि केंद्र पर परीक्षा से लगभग डेढ़ घंटे पहले प्रश्नपत्र आ गए थे। अभियुक्तों ने सील बंडल को ब्लेड से खोला, फिर प्रश्नपत्र निकालकर मोबाइल से फोटो खींचा और पवन समेत अन्य जालसाजों को भेज दिया थ। पवन कुमार ने बताया था कि यह काम वह स्कूल के संरक्षक रामाशीष सिंह के कहने पर कर रहा था। रामाशीष उसके जीजा हैं और पत्नी मालती सिन्हा के नाम पर स्कूल संचालित करते हैं।
इसके बाद रामाशीष की गिरफ्तारी हुई। तब मालूम हुआ कि रामेश्वर, आलोक रंजन, सनोज और कौशल भी दलाली कर रहे थे। प्रत्येक अभ्यर्थी से चार से छह लाख रुपये का सौदा किया गया था। इस काम के लिए रामशुमेर को 50 हजार रुपये मिले थे।